ब्रिटेन के अगले प्रधानमन्त्री के तौर पर बोरिस जॉनसन के नाम पर मोहर लग सकती है। ब्रिटेन की कंजर्वेटिव पार्टी ने नेता ने मंगलवार को तीन महीने की समयसीमा में ब्रेक्सिट को करने का ‘करो या मरो’ वाला वादा किया था। 200000 सदस्यों की पार्टी ब्रिटेन के नए वजीर ए आजम का ऐलान करेगी।
सोमवार को शाम 4 बजे मतदान समाप्त हो गया था और इसके नतीजो का मंगलवार सुबह को ऐलान हो सकता है। जीतने वाला प्रत्याशी बुधवार को शाम को प्रधानमन्त्री पद की शपथ लेगा। प्रधानमन्त्री थेरेसा मे ब्रेक्सिट के समझौते को मुकम्मल करने में असक्षम रही है।
बोरिस जॉनसन पूर्व में लन्दन के मेयर थे और बीते हफ्ते ही उन्होंने बीते वर्ष मे के ब्रेक्सिट योजना से असंतुष्ट होकर देश के विदेश मंत्री के कार्यभार से इस्तीफा दिया था। सर्वे के मुताबिक, उनके अगले प्रधानमन्त्री बनने के 70 प्रतिशत आसार है।
यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के बाहर होने की योजना की आखिरी तारीख 31 अक्टूबर की है। बाहर निकलने के लिए जॉनसन ईयू को बातचीत बहल करने के लिए राज़ी कर सकते हैं, यह समझौता पुनर्जीवित नहीं हो सकता है या ब्रिटेन किसी बड़ी वित्तीय अतिसंवेदनशीलता की तरफ अग्रसर हो सकता है।
प्रमुख व्यवस्थाओं को संसद और सांसदों ने कई बार खारिज कर दिया है, पार्टी में ईयू के समर्थक सहयोग नहीं कर रहे हैं और जॉनसन बगैर किसी व्यवस्था के ब्रिटेन को ईयू से बाहर निकलने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि “वह नो-डील ब्रेक्सिट की तैयारियों को बढ़ा देंगे और यह ईयू के वार्ताकारो को समझौते में परिवर्तन करने के लिए मजबूर कर देगी।
जॉनसन ने बीते महीने टॉकरेडियो से कहा था कि “बिल्कुल हम अपनी योजना को अमल में लाने के लिए दबाव बनायेंगे और हम 31 अक्टूबर तक बाहर आने के लिए तैयार है। करो और मरो की स्थिति में हमें बाहर आना ही है।”
बुधवार तक जॉनसन महत्वपूर्ण मन्त्रिय व्यवस्थाओं के ऐलान की शुरुआत नहीं करेंगे। देश की कंजर्वेटिव पार्टी दो धड़ो में बंट चुकी है और जॉनसन के शुरूआती दिनों में कई मंत्रियों के इस्तीफे उनके लिए प्रमुख चुनौती है।