पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में पुलिसकर्मियों को मुठभेड़ों को रिकॉर्ड करने के लिए बॉडी कैमरे मुहैया कराए जाएंगे, ताकि वीडियो को अदालतों में सबूत के तौर पर इस्तेमाल किया जा सके और कानून प्रवर्तन एजेंसी में लोगों के विश्वास को बहाल किया जा सके। ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ के मुताबिक, पुलिस अधिकारियों ने रविवार को कहा कि रिकॉर्डिग सभी पक्षों को ईमानदार रखने में मदद करेगी और यह जानते हुए कि बातचीत के बारे में कोई भी कुछ भी कहता है तो बाद में सत्यापित किया जा सकता है, उन्हें एक-दूसरे का विश्वास हासिल करने देगी।
इस्लामाबाद के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) मुहम्मद आमिर जुल्फिकार ने कहा, “ये कैमरे सेफ सिटी प्रोजेक्ट से जुड़े होंगे।”
उन्होंने कहा, इस तरह से पुलिस पिकेट में सेवारत पुलिसकर्मियों के बारे में शिकायतें खुद ही हल हो जाएंगी।
परीक्षण चरण में ऐसे बीस कैमरे खरीदे जाएंगे, जो बाद में राजधानी के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में सेवारत पुलिसकर्मियों को प्रदान किए जाएंगे।
लोगों के साथ पुलिस की बातचीत की वीडियो रिकॉर्डिग अधिकारियों को विनम्रता और जिम्मेदारी से कार्य करने के लिए मजबूर करेगी, क्योंकि उन्हें अक्सर रिश्वत लेने और आम आदमी के साथ कठोर व्यवहार करने के लिए दोषी ठहराया जाता है।
छोटे और पोर्टेबल होने के नाते, बॉडी कैमरा पुलिस के लिए ज्यादा उपयोगी साबित होने की उम्मीद है।