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    बैडमिंटन

    वर्ष 20″17″ में भारतीय स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू ने इस खेल में कई उपलब्धियां हासिल की। परन्तु यह साल किदांबी श्रीकांत के नाम रहा जिन्होंने भारतीय बैडमिंटन में अपनी जीत का परचम लहराते हुए अधिक खिताब अपने नाम किये और पुरुष खिलाड़ियों के सत्र में शानदार प्रदर्शन करते हुए बैडमिंटन की किताब में नया इतिहास लिखा।

    आपको बता दें इस साल विश्व के कई स्टेडियमों में राष्ट्रगान बजता हुआ सुनाई दिया क्योंकि भारतीय स्टार खिलाड़ी सिंधू और श्रीकांत ने कई बैडमिंटन प्रतियोगिता के स्टेज पर अपनी और भारत की जगह बनाई। इस वर्ष सिंधू ने तीन खिताब और तीन रजत पदक के साथ विश्व में अपनी पहचान बरकरार रखी, तो वहीं श्रीकांत ने उम्मीदों से बढ़कर प्रदर्शन करते हुए चार खिताब जीते जबकि एक टूर्नामेंट में वह उप विजेता भी रहे।

    दरअसल, साल का मुख्य केंद्र पी.वी सिंधू के कुछ कड़े मैच रहे जिन्हें काफी समय तक याद रखा जायेगा। 22 साल की सिंधू को जापान की नोजोमी ओकुहारा के खिलाफ 110 मिनट चले रोमांचक फाइनल में शिकश्त मिली, कोरिया ओपन और दुबई सुपर सीरीज फाइनल के खिताबी मुकाबले भी उनके लिए सफलता की राह लेकर न आए। भारतीय खिलाड़ी को विश्व चैंपियनशिप, हांगकांग ओपन के खिताबी मुकाबले में भी हार का सामना करना पड़ा, परन्तु वह दो सुपर सीरीज इंडिया ओपन तथा कोरिया ओपन और सैयद मोदी ग्रां प्री का खिताब जीतने में सफल रही।

    गौरतलब हैं कि वर्ष 2017 में पुरुष खिलाड़ी, महिला खिलाड़ियों से अधिक बेहतर प्रदर्शन करने में कामयाब रहें हैं जिसमें बी साई प्रणीत और एचएस प्रणय ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शानदार प्रदर्शन किया हैं। साइना नेहवाल भी अच्छी वापसी करने में सफल रही जबकि युगल खिलाड़ियों ने भी छाप छोड़ी। भारत ने तौफीक हिदायत को कोचिंग दे चुके इंडोनेशिया के मुल्यो हंडोयो को भी कोच पद पर नियुक्त किया। भारतीय बैडमिंटन संघ के अध्यक्ष डॉ. अखिलेश दास गुप्ता का निधन दुख भरी खबर रही जिसके बाद डा. हिमांत बिस्व शर्मा ने अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाली।