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    अरुण जेटली

    देश के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रविवार को कहा है कि देश में बैंकों की ऋण देने की क्षमता को और अधिक बढ़ाने की जरूरत है।

    जेटली ने स्पष्ट किया है कि बैंकों के साथ ही लघु उद्योग व NBFC सेक्टर को भी सहायता उपलब्ध कराये जाने की भी जरूरत है।

    अरुण जेटली ने ये बातें यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की 100वीं सालगिरह पर बैंक को विडियोकॉन्फ्रेंसिंग के जरिये संबोधित करते हुए कही हैं। अपने सम्बोधन में अरुण जेटली ने कहा है कि वर्तमान में उनके मंत्रालय लक्ष्य बैंकिंग सेक्टर को मजबूत करना है। यह देश के आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने के लिए अति आवश्यक है।

    एनपीए पर बोलते हुए वित्तमंत्री ने कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा एनपीए के संबंध में उठाए गए कदम अब फल दे रहे हैं।

    मालूम हो कि अरुण जेटली का बयान तब आया है जब 19 नवंबर को आरबीआई के बोर्ड की बैठक होनी है। इस बैठक में केंद्रीय बैंक के उच्च अधिकारी व सरकार के प्रतिनिधि भी शामिल होकर आरबीआई नीति सहित कई विषयों पर चर्चा करेंगे।

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    माना जा रहा है कि इस बैठक के साथ ही सरकार बैंकिंग सेक्टर की खस्ता हालत पर कोई निष्कर्ष निकालने की कोशिश करेगी।

    अभी कुछ दिनों पहले ही एक रिपोर्ट में सामने आया था कि सरकार बैंकिंग सेक्टर को मजबूत करने के लिए उसे 45 हज़ार करोड़ रुपये की सहायता उपलब्ध करवा सकती है। इसके लिए सरकार बॉन्ड जारी करने पर विचार कर रही है।

    इसी वर्ष शुरुआत में पीएनबी घोटाला व मध्य में IL&FS की घटना के साथ देश के बैंकिंग सेक्टर व एनबीएफ़सी सेक्टर में संकट के बादल मंडराने लगे हैं। ऐसे में सरकार देश की आर्थिक प्रगति को किसी भी प्रकार से जोखिम में नहीं रखना चाहती है, यही कारण है कि सरकार दोनों ही सेक्टर को मजबूत करना चाहती है।

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