भारत के विदेश मन्त्री एस जयशंकर ने मंगलवार को बैंकाक में आयोजित सम्मेलन में थाईलैंड और न्यूजीलैंड के समकक्षियों के साथ बातचीत की थी। उन्होंने थाईलैंड के डॉन प्रमूद्विनई और न्यूजीलैंड के विंस्टन पेटर्स से अलग-अलग बातचीत की थी। इस दौरान उन्होंने संयुक्त हितो के मसले पर चर्चा की थी, इसमें बिम्सटेक सहयोग और इंडो पैसिफिक भी शामिल है।
जयशंकर ने कहा कि “आसियान चेयर और भारत देश समन्वयक, थाईलैंड के विदेश मंत्री के साथ गर्मजोशी मुलाकात हुई थी। मेरीटाइम साझेदारी के विस्तार, बिम्सटेक सहयोग और एसीएमई सीएस में साझेदारी पर चर्चा हुई थी। न्यूजीलैंड के विदेश मंत्री और उप प्रधानमन्त्री विंस्टन पेटर्स के साथी सौहार्दपूर्ण बैठक हुई थी। हमारे साझा इंडो पैसिफिक के दृष्टिकोण पर अच्छी बातचीत हुई थी। दोनों पक्ष आर्थिक और राजनीतिक संबंधों के विस्तार करने पर रजामंद हुए हैं।”
आसियान-भारत मन्त्रिय बैठक के लिए जयशंकर दो दिनों की अधिकारिक यात्रा पर थाईलैंड में हैं। यह नौवीं पूर्वी एशिया विदेश मंत्रियों के बैठक का सम्मेलन, 26 वां आसियान क्षेत्रीय मंच और दसवां मेकोंग गंगा सहय्योग मंत्रीय बैठक थी। जिसका आयोजन 1 अगस्त और 2 अगस्त को होना था।
जयशंकर दसवीं एमजीसी बैठक की वियतनाम के उप प्रधानमन्त्री के साथ सहअध्यक्षता करेंगे और यह एक अगस्त की दोपहर में आयोजित होगी। एमजीसी फ्रेमवर्क के तहत इस बैठक में प्रैक्टिकल सहयोग की चर्चा की जाएगी, एमजीसी प्लान ऑफ़ एक्शन को अपनाया जायेगा और अगले साल आयोजित 20 सालगिरह के जश्न की गतिविधियों के बाबत योजना बनायीं जाएगी।
बयान के मुताबिक, वे मौजूदा क्षेत्रीय व अंतरराष्ट्रीय मसलो पर चर्चा करेंगे और ईएएस को मज़बूत करने की तरफ बढ़ेंगे। इस मंच के प्रतिष्ठित नेता वैश्विक राजनीतिक सुरक्षा और अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर चर्चा करेंगे। इसके बाद जयशंकर 26 वीं एआरएफ में शामिल होंगे। इस मंच का फोकस सदस्य देशों के संयुक्त कार्यक्रम और क्षेत्र में रणनीतिक विकास में वृद्धि पर होगा।
इन मंचो पर जयशंकर इंडो पैसिफिक नजरिये को बतायेंगे जिसे प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी ने जून में बीते वर्ष शांगरी ला बैठक के दौरान बताया था। आसियान से सम्बंधित बैठको के इतर विदेश मंत्री जयशंकर कई समकक्षियों के साथ द्विपक्षीय बैठको को करेंगे।