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    बेल्जियम के प्रधानमन्त्री चार्ल्स मिशेल

    शरणार्थी समझौते के कारण बेल्जियम की सरकार के प्रधानमन्त्री चार्ल्स मिशेल को सत्ता से हाथ धोना पड़ा है। शर्लेस मिशेल ने संयुक्त राष्ट्र के शरणार्थी समझौता का समर्थन कर उसे अमल में लाने का प्रयास किया था। प्रद्जन्मन्त्री ने सदन को संबोधित करते हुए अपने इस्तीफे का ऐलान किया था।

    प्रधानमन्त्री के इस्तीफे का कारण

    चार्ल्स मिशेल ने संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक शरणार्थी समझौते पर रजामंदी दी थी, जिसके बाद सरकार बनने के लिए गठबंधन की बहुमत वाले दल ने अपना समर्थन वापस ले लिए था। इससे चार्ल्स मिशेल पर सत्ता त्यागने के आलावा कोई विकल्प मौजूद नहीं था।

    जनवरी में चुनाव

    बेल्जियम में जनवारी माह में चुनाव का आयोजन हो सकता है। प्रधानमन्त्री के दल के प्रमुख ने कहा कि इस राजनीतिक विध्वंस से बचने के लिए सरकार का निष्पक्ष प्रस्ताव विपक्षियों ने ठुकरा दिया था। उन्होंने कहा कि समाजवादी विपक्षी और ग्रीन्स को ट्राफी चाहिए थी, जो उन्हें मिल गयी है। मिशेल ने कहा कि उनकी सरकार के गिरने से महीनों तक देश में अस्थिरता का माहौल बन जायेगा।

    प्रधानमन्त्री का आखिरी भाषण

    बेल्जियम संसद में सोशलिस्ट पार्टी ने इस प्रस्ताव समर्थन करने से इनकार कर दिया था। मिशेल में चैम्बर में शाम को सांसदों से कहा कि वह किंग को अपना त्यागपत्र सौंप रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेरा बयान विशवास दिलाने के लिए नहीं है। उन्होंने कहा कि मैंने इस्तीफा देने का फैसला किया है और मैं तुरंत राजा के समक्ष जा रहा हूं।

    इस बयान के बाद प्रधानमन्त्री ने अपने कोट के बटन बंद किये, ब्रीफ़केस उठाया, सरकार के कुछ मंत्रियों के साथ हाथ मिलाया और चले गए। मिशेल ने राजा से कम अधिकारों के साथ एक कार्यकारी प्रधानमन्त्री नियुक्त करने की मांग की है, वही संसद ने सत्ता पर बने रहने के लिए पार्टियों के नए गठबंधन बनाने की इच्छा जताई है।

    सभी दलों के साथ बातचीत के लिए कई दिनों का वक्त लगेगा, लेकिन देश में चुनाव नए साल में ही आयोजित होंगे। फ्लेमिश नेशनल पार्टी के आप्रवास पर कट्टर विचार है। प्रधानमन्त्री के यूएन आप्रवासी पैक्ट पर हस्ताक्षर के बाद एफएनपी ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया था।

    यूएन पैक्ट का विद्रोह

    अमेरिका ने इस संधि के बाबत बीते वर्ष बातचीत रद्द कर दी थी। साथ ही इटली, हंगरी, ऑस्ट्रिया, पोलैंड, बुल्गारिया, स्लोवाकिया और ऑस्ट्रेलिया ने इस पैक्ट को खारिज किया था। ख़बरों के मुताबिक इस डील में 19 दिसम्बर को न्यूयॉर्क में सुधार किया जायेगा।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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