राजद के प्रमुख नेता और लालू प्रसाद के बेटे तेजस्वी यादव अब बेरोजगारी हटाने के लिए यात्रा करेंगे।
तेजस्वी यादव की यह यात्रा उत्तरी बिहार के दरभंगा से शुरू होगी। तेजस्वी ने मीडिया को यह बताया है कि उनकी यात्रा का मुख्य उद्देश्य बेरोजगारी को हटाना और ‘आरक्षण कोटे को बढ़ाना’ है।
तेजस्वी की यह ‘बेरोज़गारी हटाओ आरक्षण बढ़ाओ’ यात्रा अगले दो दिनों में सुपौल और भागलपुर के रास्ते आगे बढ़ेगी।
बिहार में विपक्ष के नेता की भूमिका निभा रहे तेजसवी यादव का कहना है कि वो सरकार से चाहते हैं कि एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण की जद को 50 प्रतिशत से आगे बढ़ाया जाए। इसी के साथ ही तेजस्वी ने गरीब सवर्णों के लिए हाल ही में शुरू हुए 10 प्रतिशत आरक्षण पर भी सवाल उठाए हैं।
तेजस्वी ने लगातार कई ट्वीट करते हुए बताया है कि वो चाहते हैं कि पिछड़ों के लिए आरक्षण सीमा को बढ़ाकर 90 प्रतिशत तक किया जाये-
कल दरभंगा से “बेरोज़गारी हटाओ, आरक्षण बढ़ाओ” यात्रा की शुरुआत होगी।
* जातीय जनगणना करवाओ
* जातीय अनुपात में आरक्षण बढ़ाओ
* SC/ST और OBC का आरक्षण बढ़ाकर 90% करो।
* अतिपिछड़ों को 40% आरक्षण दो
* निजी क्षेत्र में आरक्षण लागू करोआर-पार करेंगे, लड़ेंगे-मरेंगे और हक़ लेकर रहेंगे। pic.twitter.com/OuEXT2zVk9
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) February 6, 2019
तेजस्वी ने सवर्ण आरक्षण पर सवाल उठाते हुए कहा है कि ‘उन्हे यह नहीं समझ आ रहा है कि जब सवर्णों की तरफ से आरक्षण की कोई माँग ही नहीं की गयी थी, फिर भी उन्हे आरक्षण क्यों दिया गया?’
इसी के साथ ही तेजस्वी ने जातीय जनगणना की भी माँग कर डाली है। वहीं बीजेपी-आरएसएस पर हमला बोलते हुए तेजस्वी ने यह आरोप लगाया है कि ये आरक्षण को बिलकुल समाप्त कर देना चाहते हैं।
चारा घोटाले में सजा काट रहे अपने पिता के समर्थन में बोलते हुए तेजस्वी ने पहले भी ट्वीट किया था कि यदि उनके पिता बीजेपी के साथ हाथ मिला लेते तो उन्हे कोई दिक्कत नहीं होती, लेकिन उन्होने ऐसा नहीं किया जिसकी वजह से उन्हे झूठा फसाया गया है-
अगर लालू जी BJP से हाथ मिला लेते तो वो आज हिंदुस्तान के राजा हरीशचंद्र होते।तथाकथित चारा घोटाला दो मिनट में भाईचारा घोटाला हो जाता अगर लालू जी का DNA बदल जाता।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) December 26, 2017
गौरतलब है कि तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार के साथ गठबंधन करते हुए 2015 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज़ करते हुए बिहार में सरकार बनाई थी, लेकिन बाद में नितीश के वापस एनडीए में शामिल हो जाने के बाद तेजस्वी को सत्ता से हाथ धोकर अब विपक्ष में बैठना पड़ रहा है।