इथियोपिया के प्रधानमन्त्री अबिय अहमद ने सोमवार को ऐलान किया कि “संयुक्त अरब अमीरात में इथियोपिया 50000 कर्मचारियों को भेजेगा।”
खाड़ी देश अफ्रीका में अपने प्रभुत्व में विस्तार करने की तरफ देख रहे हैं। राजधानी अद्दिस अबाबा में संसद में बोतले हुए पीएम ने कहा कि “इथियोपिया में बेरोजगारी को कम करने और हमारी जनता की बढती नौकरियों की मांग के लिए देश छोटी अवधि की योजना बना रहा है।”
उन्होंने कहा कि “इस कम अवधि के कार्यक्रम के लिए विदेशी मुल्कों में देश से कौशल कर्मचारियों को भेजा जायेगा।” बीते वर्ष निर्वाचित प्रधानमन्त्री विदेशी निवेश के लिए मुल्क के दरवाजों को खोलने की कोशिशो में जुटे हुए हैं।
उन्होंने कहा कि “समझौते के तहत साल 2019-20 के वित्तीय वर्ष में 50000 कर्मचारियों को यूएई भेजेंगे और अगले तीन वर्षो में 200000 कर्मचारियों को भेजने के लिए चर्चा की जा रही है। इन कर्मचारियों को विभिन्न इलाको में प्रशिक्षण दिया जायेगा। इसमें ड्राइविंग और नर्सिंग शामिल है। जिससे उच्च वेतन कमाया जा सकेगा और क्षमता में वृद्धि होगी।”
उन्होंने कहा कि “ऐसे ही समझौते जापान के साथ विचारधीन है और यूरोपीय राष्ट्रों के साथ ऐसे ही समझौतों पर चर्चा की जा रही है। अफ्रीका की तीव्रता से बढती अर्थव्यवस्था की सहायता युवा कौशल कर्मचारी करेंगे जो विदेशों को प्रशिक्षित कर रहे थे।
यूएई ने हाल ही में अफ्रीकी देशों के साथ करीबी संबंधों को बढाने के कार्य पर अत्यधिक जोर दिया है। बीते वर्ष सऊदी अरब ने पूर्व दुश्मनों इथोपिया और इरीट्रिया के बीच ऐतिहासिक शान्ति संधि को मुकम्मल किया था। बीते वर्ष यूएई ने इथोपिया में तीन अरब डॉलर की मदद और निवेश का संकल्प लिया था।
यूएई और सऊदी अरब क्षेत्र में शान्ति को कायम रखने के लिए उम्मीद है। पूर्वी अफ्रीका में खाड़ी देशों की अहमियत में उभार आता जा रहा है। सऊदी अरब और यूएई यमन में ईरान समर्थित हौथी विद्रोहियों के साथ संघर्ष कर रहे हैं।