केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) तीन जनवरी को देशभर में प्रदर्शन करेगा। बढ़ती बेरोजगारी और सरकार की निजीकरण नीति के विरोध में आयोजित होने वाले इस प्रदर्शन में सड़कों को अवरुद्ध कर चक्का जाम किया जाएगा।
बीएमएस के महासचिव ब्रजेश उपाध्याय ने देशव्यापी प्रदर्शन की घोषणा करते हुए केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि रेलवे का 35 फीसदी हिस्सा निजी हाथों में सौंपा जा चुका है और बचे हुए हिस्से को कॉरपोरेट के तहत लाने पर सरकार काम कर रही है।
सरकार पर विनिवेश और निजीकरण के मुद्दे पर देश को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए बीएमएस महासचिव ने कहा, “सरकार परमानेंट रोजगार को कॉन्ट्रैक्ट में बदल रही है। पब्लिक सेक्टर को सरकार या तो बेच रही है, या फिर विनिवेश के जरिए दूसरों के हाथों में सौंप रही है। बीएमएस की मांग है कि श्रम कानून में किए गए बदलाव को वापस लिया जाए।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जीएसटी के बदले नियम की वजह से लोकल बॉडी के कर्मचारियों को वेतन मिलने में परेशानी आ रही है।
बीएमएस ने मोदी सरकार से मांग की है कि सरकारी योजना लागू करने में लगे कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारी बनाया जाए।
हालांकि, बीएमएस ने स्पष्ट किया कि वह नागरिकता कानून पर सरकार के साथ है और इस मुद्दे पर वह लोगों को जागरूक करेगा।