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    नरेंद्र मोदी

    इकॉनोमी की भाषा में ‘बेनामी संपत्ति’ से तात्पर्य किसी और की कीमत या फिर बड़ी धनराशि का उपयोग पत्नी, बच्चों या फिर रिश्तेदार के नाम पर संपत्ति खरीदने के लिए की गई हो। कुछ लोग अपने काले धन को छिपाने के लिए भी संपत्ति अपने नाम से ना खरीदकर दूसरे के नाम से यानि पत्नी, बच्चे,भाई या फिर किसी रिश्तेदार के नाम से खरीदते हैं। ऐसे में अप्रत्यक्ष तरीके से काले धन का एक बड़ा भाग बेनामी संपत्ति के रूप में देश में मौजूद है।

    पीएम मोदी गुजरात और हिमाचल में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए बेनामी संपत्ति और उससे जुड़े भ्रष्टाचार को मुख्य राजनीतिक मुद्दा बनाना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने शनिवार यानि 4 नवंबर को हिमाचल के कांगड़ा में आयोजित रैली में बेनामी संपत्ति वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कही।

    मोदी ने यह भी संकेत दिया कि भूमि, फ्लैट या फिर दुकान जैसी बेनामी संपत्तियों तक को नहीं छोड़ा जाएगा। मोदी ने कांग्रेस की ओर इशारा करते हुए कहा कि उनकी सरकार बेनामी संपत्ति को लेकर एक ऐसा नियम बनाने जा रही है जिससे कि भ्रष्टाचारी इन बेनामी संपत्तियों पर अपना दावा भी नहीं कर सकते।

    पीएम मोदी ने बेनामी संपत्ति रखने वालों के साथ-साथ शेल कंपनियों पर भी ताला लगाने की बात कही है। उन्होंने ​कहा कि एक कंपनी ऐसी भी है जिसके 2100 बैंक अकाउंट्स हैं। पीएम मोदी ने कहा कि बेनामी संपत्ति रखने वालों के बुरे दिन शुरू हो चुके हैं, क्योंकि सरकार बहुत जल्द ही कड़ी कार्रवाई शुरू करने वाली है। उन्होंने कहा कि बेनामी संपत्ति के खिलाड़ कड़ी कार्रवाई का नाम सुनकर कांग्रेस वालों का डरना लाजिमी है।

    गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी सहित अन्य विपक्षी दल 8 नवंबर के दिन मोदी सरकार द्वारा घोषित की गई नोटबंदी को काला दिवस के रूप में मनाएंगे। मोदी ने कहा कि विपक्षी दलों के लिए ब्लैक मनी दिवस है। उन्होंने कहा कि मुझे पता है ​विपक्षवाले 8 नवंबर के दिन मेरे पुतले जलाएंगे लेकिन मेरा गुनाह सिर्फ इतना है कि मैंने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई शुरू कर दी।