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    6 साल की कमाई का हिसाब

    आयकर विभाग ने बेनामी संपत्तियों के खिलाफ एक अभियान चला रखा है। आपको जानकारी के लिए बता दें कि आयकर विभाग अब तक 1833 करोड़ रुपए की 541 बेनामी संपत्तियां जब्त कर चुका है। बेनामी संपत्तियों को लेकर आयकर विभाग ने अपना रूख और तेज कर दिया है। दरअसल आयकर विभाग की ओर से कुछ ऐसे मामले चिन्हित किए गए हैं जिसके अनुसार आयकर रिटर्न में दिखाई गई आय उस प्रॉपर्टी के किराए से भी कम है। यही नहीं इस प्रॉपर्टी को किसी दूसरे के नाम से भी खरीदा गया है।

    ऐसे में सवाल यह उठता है कि 40 हजार रुपए प्रतिमाह कमाने वाला शख्स करोड़ों रुपए की प्रॉपर्टी कहां से खरीद सकता है। अब आयकर विभाग ऐसे मामलों से परेशान होकर संबंधित व्यक्ति की 6 साल तक के आयकर रिटर्न की फाइले खंगाल रहा है। आयकर विभाग ऐसे लोगों पर भी अपनी नजरें गड़ाए हुए है जिनकी आय पिछले साल की तुलना में 10 फीसदी अधिक दिखाई गई है।

    ऐसे जांच कर रहा है आयकर विभाग:

    लाजिमी है कि करोड़ों रुपए की कीमत वाली जमीनें कागजों पर आधे से भी कम दाम दिखाई जाती हैं। लेकिन आयकर विभाग ने चालाकी दिखाते हुए इस कागज को अपना नया हथियार बना लिया है। आप को बता दें कि आयकर विभाग सीधे रजिस्ट्री विभाग से संपर्क कर संपत्ति के मूल रिकॉर्ड की जांच करते हुए प्रॉपर्टी खरीदने वाले शख्स की आय से मिलान करा रहा है, ऐसे में प्रॉपर्टी की कीमत और आय में अंतर दिखते ही आयकर विभाग बेनामी संपत्ति के तहत अपना शिकंजा कसना शुरू कर देता है।

    गौरतलब है कि नोटंबदी के दौरान भारी मात्रा में कालेधन को पूरी चालाकी के साथ बैंकों में लाया गया। ऐसे में कालेधन का कमोबेश रिकॉर्ड रिटर्न के रूप में आयकर विभाग के पास पहुंच चुका है।  मीडिया खबरों के अनुसार आयकर विभाग आने वाले दो सालों में एक—एक करके उन सभी लोगों से हिसाब लेगा जिन्होंने नोटबंदी के बाद औसत रूप से 10 लाख रुपए से अधिक की धनराशि बैंक खातों में पहुंचाई है।

    ऐसे लोगों की जांच तो जारी हो चुकी है लेकिन बेनामी संपत्तियों को लेकर आयकर विभाग के अधिकारी एक बार फिर से सक्रिय हो चुके हैं।
    आयकर ​अधिकारियों की नजरें अब उन लोगों को तलाश रही हैं जिन्होंने अपनी काली कमाई का इस्तेमाल किसी और के नाम संपत्ति खरीदने में किया है। अप्रैल ​महीने में ही आयकर विभाग ने ऐसी बेनामी संपत्तियों की जांच के लिए दो यूनिटें बना चुका है।

    इन दोनों टीमों ने बेनामी संपत्ति बनाने वाले लोगों की सूची भी तैयार कर रखी है, जिनमें नेता, नौकरशाह, पत्रकार और कुछ अन्य लोग भी शामिल हैं।  आयकर विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि बेनामी संपत्ति पकड़े जाने पर उक्त प्रॉपर्टी तो जब्त होगी ही साथ में संबंधित शख्स के आय की भी जांच की जाएगी।