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    अमित शाह जय शाह कंपनी घोटाला

    मीडिया वेबसाइट ‘दा वायर’ ने हाल ही में एक रिपोर्ट छापी थी, जिसमे भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह पर उनकी कंपनी में हेर-फेर का आरोप लगाया था। इस खबर के छपने के बाद से ही भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सवालों के घेरे में आ खड़े हुए हैं। अमित शाह से इस्तीफा भी देने की मांग की जा रही है।

    क्या है मामला?

    दा वायर में छपी रिपोर्ट के मुताबिक जय शाह की कंपनी ‘टेम्पल इंटरप्राइजेज’ की कमाई में एक साल के दौरान करीबन 16000 गुना से ज्यादा का फायदा हुआ है। कंपनी में यह वृद्धि भाजपा के 2014 में सरकार में आने के बाद हुई है।

    रिपोर्ट के मुताबिक शाह की कंपनी की साल 2014-15 में कुल आय 50000 रूपए थी, जो साल 2015-16 में बढ़कर 80.5 करोड़ हो गयी। कमाई में इस वृद्धि का कारण राजेश खंडाला, जो की राज्य सभा सदस्य परिमल नाथवानी के समधी हैं, द्वारा दिए गया एक लोन बताया जा रहा है। इस लोन के जरिये खंडाला ने शाह की कंपनी को करीबन 15.78 करोड़ का एक लोन दिया था।

    इसके बाद साल 2016 में अचानक शाह की कंपनी ने कमाई ख़तम होने का दावा करके कंपनी की कार्य प्रणाली को पूरी तरह से बंद कर दिया था। इसके पीछे कंपनी ने पिछले साल हुए 1.4 करोड़ रूपए का घाटा होने का दावा किया था।

    इसका कारण जब दा वायर ने पूछना चाहा, तो जय शाह की तरफ से संतुष्टिपूर्ण जवाब नहीं दिया गया। इसके बाद वेबसाइट ने उनकी खबर को जनता के सामने रखा, और उनसे मांग की गयी कि वे कंपनी का लेखा-जोखा जनता के सामने रखें।

    जय शाह का जवाब

    खबर के छपने के बाद जय शाह ने तुरंत इसपर प्रतिक्रिया करते हुए अपना जवाब दिया। उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ यह आरोप लगाए गए हैं, कि मेरी कंपनी को फायदा मेरे पिता के सहयोग की वजह से हुआ है। उन्होंने कहा कि मैंने कंपनी के लिए लोन बैंक से नियमों का पालन करते हुए लिया है, जिसमे मेरे पिता का कोई हाथ नहीं है।

    उन्होंने कहा कि मेरे वकील ने दा वायर को पूरी रिपोर्ट भेज दी है, जिसमे सारी जानकारी है। लेकिन चूंकि, उन्होंने कहा, कि वेबसाइट ने मेरे खिलाफ अभद्रतापूर्वक आरोप लगाए हैं, जो मेरी छवि पर चोट करते हैं, मैं उनके खिलाफ केस ठोकने जा रहा हूँ। वेबसाइट के लेखक, संपादक और मालिक के खिलाफ 100 करोड़ रूपए का मानहानि का केस दर्ज किया जाएगा।

    विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया

    अमित शाह के बेटे पर लगे इस मानहानि के आरोप के बाद विपक्षी दलों ने भाजपाई अध्यक्ष को घेरना शुरू कर दिया है। कांग्रेसी प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा कि अमित शाह को इस मामले में निष्पक्षता पूर्ण जांच करवानी चाहिए। और जब तक यह जांच चलती है, उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए। क्योंकि जब तक वे पद पर रहेंगे, जांच निष्पक्षतापूर्ण नहीं हो सकती है।

    शर्मा ने आगे कहा, ‘याद है, जब लाल कृष्ण अडवाणी ने जैन हवाला घोटाले के दौरान इस्तीफा दिया था। बांगरू लक्समन ने भी अपना पद छोड़ा था, जब उन्हें कैमरे के सामने पैसे लेते हुए पाया गया था। हाल ही में नितिन गडकरी ने भी पूर्ति घोटाले के मद्देनजर इस्तीफा दिया था।’

    इसके अलावा सीपीआई के वरिष्ठ नेता डी राजा ने खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मामले में जवाब देने को कहा है। उन्होंने कहा, ‘नरेंद्र मोदी खुद अमित शाह के बेटे पर लगे आरोपों पर सफाई क्यों नहीं दे रहे हैं? हम चाहते हैं कि वे इस मामले की जांच के लिए एक विशेष दल का गठन करें। इस मामले की जांच शुरू की जाए।’

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।