बुलंदशहर हिंसा में पुलिस इन्स्पेक्टर सुबोध कुमार की हत्या के मामले में गिरफ्तार भारतीय सेना के जवान जीतू फौजी पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने कहा है कि अभी तक उसके खिलाफ कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला है।
अधिकारियों ने कहा है कि जीतू फौजी के खिलाफ अभी तक कोई ऐसा ठोस सबूत नहीं मिला है जिसके आदार पर ये कहा जा सके कि इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की हत्या में जीतू फौजी का हाथ था या नहीं। हालाँकि अधिकारियों ने इस बात को माना है कि वो घटना स्थल पर मौजूद था।
आरोपी ने भी खुद को इंस्पेक्टर की हत्या मामले में खुद को बेक़सूर बताया है। पुलिस और स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की पूछताछ के दौरान उसने बताया कि वो घटना स्थल से गुजर रहा था लेकिन वो घटना में शामिल नहीं था।
वस्पेशल टास्क पोरस के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक कुमार सिंह ने कहा कि “शुरूआती जांच में हमें सैनिक के खिलाफ कोई ख़ास सबूत नहीं मिल पाया है।”
उसके परिवार के सदस्यों का आरोप है कि उसे फंसाया जा रहा है ताकि मुख्य आरोपी, बजरंग दल के योगेश राज को बचाया जा सके।
जीतू फौजी को 14 दिनों की न्यायायिक हिरासत में भेजा जा चूका है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने उसकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया है, अब परिवार द्वारा मंगलवार को जिला न्यायाधीश से संपर्क करने की संभावना है।