जसप्रीत बुमराह का वर्ल्ड कप (ICC Men’s T20 World Cup 2022) की टीम से बाहर होने की आधिकारिक घोषणा के साथ ही भारत के लिए आगामी T20 वर्ल्ड कप के लिहाज़ से बड़ा झटका लगा है।
हालांकि सूत्रों के हवाले से यह खबर मीडिया जगत में पहले ही बाहर थी लेकिन आज बीसीसीआई ने आधिकारिक घोषणा कर बुमराह का वर्ल्ड कप के पहले फिट होने की सभी उम्मीदों और कयासों पर विराम लगा दिया।
NEWS – Jasprit Bumrah ruled out of ICC Men’s T20 World Cup 2022.
More details here – https://t.co/H1Stfs3YuE #TeamIndia
— BCCI (@BCCI) October 3, 2022
बुमराह का अनफिट होना- “कंगाली में आटा गीला”
हिंदी में एक देशी कहावत है – “कंगाली में आटा गीला होना”। मतलब तमाम समस्याओं से जूझ रहे इंसान के ऊपर एक और ऐसी विपदा आ जाये जिस से उबरना आसान न हो।
जसप्रीत बुमराह का चोट के कारण वर्ल्ड कप से बाहर होने की ख़बर भी भारतीय टीम के लिए ऐसी ही खबर है। बुमराह भारतीय गेंदबाजी यूनिट का वह अहम किरदार हैं जिनके इर्द गिर्द भारत की पूरी गेंदबाजी घूमती है।
एक तो T-20 का प्रारूप ऐसा है जहाँ गेंदबाजों की पिटाई होना स्वाभाविक माना जाता है। दूसरा भारत के अन्य गेंदबाज इस वक़्त पर उस तरह के प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं जैसी उम्मीद की जाती है। एशिया कप हो, अभी घरेलू परिस्थितियों में पहले ऑस्ट्रेलिया फिर अभी दक्षिण अफ्रीका, गेंदबाजी भारत के लिए परेशानी का सबब रहा है।
तेज गेंदबाजों का प्रदर्शन खास रहा नहीं है। स्पीनर्स में अक्षर पटेल को छोड़ दें तो चहल या अश्विन का प्रदर्शन अपेक्षा के अनुरूप नहीं है। आलराउंडर रविन्द्र जडेजा पहले ही चोट के कारण वर्ल्ड कप की टीम से बाहर हैं।
इसलिए जो गेंदबाजी क्रम पहले ही कमजोर मानी जा रही है, उसमें अब बुमराह जैसे दिग्गज गेंदबाज का चोटिल होना भारतीय गेंदबाजी की आधी ताक़त का खत्म होने के बराबर है।
कप्तान के लिए “गो-टू बॉलर” हैं जसप्रीत
भारतीय टीम के कप्तान आज चाहे रोहित हों या पहले विराट, जब भी किसी मैच में कप्तान को विपक्षी बल्लेबाज का विकेट चाहिए होता है, गेंद बुमराह को थमा देते हैं। जसप्रीत बुमराह भी ज्यादातर मौकों पर अपने कप्तान या टीम को निराश नहीं करते।
बुमराह ने 2016 में पहली बार टीम इंडिया के लिए अंतरराष्ट्रीय T20 में पदार्पण किया था और तब से लेकर कुल 60 मैचों में उनके नाम 70 T20I विकेट हैं। विकेट चटकाने की कला में माहिर होने के साथ साथ बुमराह काफी किफायती भी साबित होते हैं। उनका कैरियर इकॉनमी (T20I में) 6.62 रहा है जो क्रिकेट के इस प्रारूप के लिहाज़ से काफी प्रभावशाली माना जाता है।
अगर बैटिंग में टीम एक समय रोहित और विराट की जोड़ी पर निर्भर करती थी तो बॉलिंग में भुवी-बुमराह की जोड़ी ने भी खूब मैच जिताये हैं। अब ये दोनों ही गेंदबाज पिछले कुछ सालों से लगातार चोट के शिकार होते रहे हैं जिसका असर उनके प्रदर्शन पर भी स्पष्ट नजर आता है।
ऐसे में भारत को जसप्रीत बुमराह का स्थानापन्न (रिप्लेसमेंट) खिलाड़ी खोजना शायद संभव ना हो लेकिन मोहम्मद शमी, उमेश यादव, टी नटराजन, उमरान मालिक आदि गेंदबाजों पर नजर होगी कि किसे बीसीसीआई के तरफ से बुमराह के जगह टीम में जगह दी जाती है।