भारत ने विश्वकप से पहले दो अभ्यास मैच खेले। जिसमे टीम ने पहला अभ्यास मैच न्यूजीलैंड के खिलाफ और दूसरा मैच बांग्लादेश के खिलाफ खेला। पहले अभ्यास मैच में टीम द्वारा निराशजनक प्रदर्शन देखने को मिला और टीम ने 6 विकेट से मात खाई। लेकिन अगले मैच में बल्लेबाज और गेंदबाज अच्छी लय में दिखे और टीम ने बांग्लादेश के ऊपर 95 रन से जीत दर्ज की।
जैसा कि टीम 5 जून को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपना पहला मैच खेलेगी। ऐसे में टीम प्रबंधन को प्लेइंग-11 बनाने में बड़ी परेशानिया उठानी पड़ रही। जिसमें टीम प्रबंधन अब भी नंबर चार पर बराबरी से काम कर रही है, दूसरे ओर तेज गेंदबाज के लिए मोहम्मद शमी और भुवनेश्वर कुमार के बीच एक जंग है और स्पिनर में भी प्लेइंग-11 में शामिल होने के लिए प्रतिस्पर्धा नजर आ रही है। लेकिन वार्म-अप मैच से प्रंबधन को बेहतर विचार मिल गया होगी की कौन पहले मैच में टीम का हिस्सा होगा।
भारत के पहले मैच से पहले, एक नजर उन खिलाड़ियो पर डालते है जिन्होने अपने प्रदर्शन से वार्म-अप मैचो में टीम प्रबंधन को प्रभावित किया होगा।
जसप्रीत बुमराह
ऐसा कम ही नजर आता है कि विश्व के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज किसी प्रदर्शन करने वाली सूची में ना हो। बुमराह ने दोनो अभ्यास मैच में शानदार प्रदर्शन किया। जहां उन्होने पहले मैच में न्यूजीलैंड के खिलाफ 4-2-2-1 का आकड़ा दर्ज किया तो वही बांग्लादेश के खिलाफ उन्होने 5-0-25-2 का आकड़ा दर्ज कर साबित किया कि इस वक्त भारतीय टीम में उनसे बेहतरीन कोई तेज गेंदबाज नही है।
वही दूसरी ओर, भुवनेश्वर कुमार अभी भी गेंदबाजी में संघर्ष कर रहे है और उन्हे अपनी लय में आने में और समय लग सकता है। मोहम्मद शमी को भी हाल के दिनों में बहुत अधिक अनुकूल नहीं पाया गया है। इसका मतलब बुमराह की भूमिका भारत के लिए विश्वकप में महत्वपूर्ण होने वाली है।
केएल राहुल
टीम प्रबंधन ने दोनों मुकाबलों में ज्यादा बहस वाली नंबर 4 की स्थिति में केएल राहुल को बल्लेबाजी करने के लिए भेजा। जहां पहले अभ्यास मैच में वह न्यूजीलैंड के खिलाफ केवल 6 रन बना पाए थे। लेकिन बांग्लादेश के खिलाफ दूसरे वार्म-अप मैच में नंबर चार पर मौका मिलने पर केएल राहुल ने शानदार बल्लेबाजी का नजारा दिखाते हुए शतक जड़ा।
राहुल की 108 रन की पारी में वह सब कुछ था जो एक नंबर चार बल्लेबाज का पारी में होना चाहिए। उन्होने अपनी पारी में ठहराव और बड़े आक्रमक शॉट्स भी दिखाए और यह पारी तब खेली जब टॉप-ऑर्डर में किसी बल्लेबाज द्वारा विश्वकप से पहले किसी ऐसी महत्वपूर्ण पारी की आवश्यकता थी।
रविंद्र जडेजा
रविंद्र जडेजा को विश्वकप की 15 सदस्यीय टीम में शामिल तो किया गया था लेकिन ऐसा लग नही रहा था कि कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल की स्पिन जोड़े के होते हुए उन्हे विश्वकप में टीम की पहली प्लेइंग-11 में जगह मिल पाएगी। लेकिन न्यूजीलैंड के खिलाफ एक शानदार आलराउंड प्रयास उन्हे पहले मैच में टीम की प्लेइंग-11 में जगह दिलाने में मदद कर सकता है। जब टीम मुश्किल में थी और 81 पर टीम के 6 विकेट हो गए थे। जडेजा ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए 50 गेंदो में 54 रन की पारी खेली और स्कोर को 179 तक लेकर गए।
हाथ में गेंद के साथ, भी जडेजा ने प्रभावित किया और दोनो अभ्यास मैचो में उन्होने बल्लेबाजो को रन के लिए तरसा दिया। उनको दोनो मैचो में एक-एक विकेट मिला लेकिन उनकी गेंदबाजी में जो अच्छी बात रही वह बल्लेबाजो के ऊपर दबाव बनाने में सक्षम थे।