नई दिल्ली, 5 जून (आईएएनएस)| हाल ही में खत्म हुई मुंबई टी-20 लीग में मुंबई के रणजी खिलाड़ी ने कहा था कि एक सट्टेबाज ने लीग के दौरान उससे संपर्क किया था। अब इस पर प्रशासकों की समिति (सीओए) ने कहा है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के भ्रष्टाचार रोधी ईकाई (एसीयू) इस शिकायत पर की जांच करेगी।
सीओए ने मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) से कहा है कि वह बीसीसीआई की एसीयू के मुखिया अजीत सिंह को जरूरी जानकारी मुहैया कराए।
सीओए के एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा है कि बोर्ड एमसीए से मिलने वाली जानकारी का इंतजार कर रहा है ताकि इस मामले की जांच की जा सके और सख्त कदम उठाए जा सकें।
सीओए के सदस्य ने कहा, “बोर्ड की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति है और एमसीए को तुरंत बीसीसीआई को जानकारी देनी चाहिए ताकि बोर्ड अजीत सिंह और उनकी टीम से मामले की जांच करने को कहे और इस मामले की तह तक जा सके। इस मामले को नजरअंदाज करने का मतलब ही नहीं बनता।”
एमसीए की भी अपनी भ्रष्टाचार रोधी ईकाई है, लेकिन एमसीए और बीसीसीआई के पूर्व अधिकारी रत्नाकर शेट्टी ने कहा कि राज्य ईकाई इस तरह के मामले देखने के लिए सक्षम नहीं है। इसलिए बेहतर होगा कि यह मामला जल्द से जल्द बीसीसीआई के को सौंप दिया जाए।
उन्होंने कहा, “बात यह है कि संघ के नियमित अधिकारी प्रशिक्षित हैं और घरेलू टूर्नामेंट में भ्रष्टाचार रोधी ईकाई के अधिकारियों की नियुक्ति की जाती है तो लोकल स्तर के टूर्नामेंट्स पर निगाह रख सकें। उनका स्कोर लिमिटेड होता है। वह इस बात को सुनिश्चित करते हैं कि कोई भी अनजान शख्स खिलाड़ी और अंपायरों के कमरे में न जाए। कोई भी अधिकारी बिना जानकारी से खिलाड़ियों से बात नहीं कर सकता, लेकिन वह इस तरह के मामले देखने में सक्षम नहीं हैं।”
उन्होंने आईएएनएस से कहा, “बीसीसीआई एसीयू इसके लिए सही संस्था है। उनकी जांच करने के अपने तरीके हैं। बीसीसीआई ने एसीयू की स्ट्रैंग्थ को मजबूत किया है। मैं निजी तौर पर कुछ रिटायर्ड पुलिस अधिकारियों से मिला हूं और वह इस तरह के मामलों को सम्भालने के लिए सही हैं।”
उन्होंने कहा, “अगर खिलाड़ी ने एमसीए को इस बारे में मौखिक तौर पर या ई-मेल के माध्यम से बताया है तो यह मुद्दा तुरंत बीसीसीआई की एसीयू के पास जाना चाहिए।”