Thu. Aug 7th, 2025

    उत्तर प्रदेश के हिस्से वाले बुंदेलखंड में बालू का अवैध खनन कोई नई बात नहीं है। बसपा और सपा की सरकारों के दौरान माफिया चोरी-छिपे खनन करते रहे हैं। लेकिन राज्य में भाजपा की सरकार बनने के बाद भी बालू के इस गोरखधंधे में कोई बदलाव नहीं अया है। अब तो दिन के उजाले में भी खनन हो रहा है। अधिकारी अवैध खनन रोकने में खुद को असहाय पा रहे हैं।

    बालू का अवैध खनन और परिवहन बुंदेलखंड के सभी सात जिलों में चरम पर है। लेकिन बानगी के तौर पर बांदा जिले की नरैनी कोतवाली क्षेत्र से महज आठ किलोमीटर दूर मोतियारी-राजापुर और मुगौरा गांव से बह रही बागै नदी में जिस तरह दिन-रात बालू का अवैध खनन किया जा रहा है, उससे अवैध बालू खनन की गंभीरता को समझा जा सकता है।

    मोतियारी, राजापुर, मुगौरा खनिज विभाग से चिन्हित वैध खनन क्षेत्र नहीं हैं। लेकिन यहां जिस कदर बालू के डंप और उसका परिवहन करते ट्रैक्टर-ट्रॉली और डग्गी (मिनी ट्रक) फर्राटा भरते नजर आ रहे हैं, उससे नहीं लगता कि यहां अवैध खनन हो रहा है।

    राजापुर गांव के निवासी बिंदा दीक्षित ने सोमवार को कहा, “बागै नदी में शाम चार बजे से सुबह 10 बजे तक सात ट्रैक्टर और तीन डग्गी बालू खनन और परिवहन में जुटे रहते हैं। ये सभी ट्रैक्टर बेलापुरवा, मुर्दी पुरवा और मोतियारी गांव के हैं। तीन डग्गी नरैनी कस्बे से आते हैं।”

    दीक्षित ने कहा कि खनन का विरोध किए जाने पर ग्रामीणों को पुलिस से परेशान करवाया जाता है।

    इस ग्रामीण ने यह भी बताया कि “जंगल में पांच जगह बालू डंप है। बागै नदी के गोरदहा घाट में बने रपटे में दो ट्रैक्टर शाम से ही नौगवां गांव का बालू इस पार लाने में लग जाते हैं। फिर यहां से उस बालू का परिवहन किया जाता है।”

    इस कारोबार में लगे एक व्यक्ति ने नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया कि “नरैनी कोतवाली में तैनात महेंद्र नामक सिपाही के पास 15 दिनों के 15 हजार रुपये प्रति ट्रैक्टर-ट्रॉली जमा होता है। एक ट्रैक्टर-ट्रॉली विधायक के रिश्तेदार का है। पुलिस उससे पैसा नहीं लेती।”

    अगर इस व्यक्ति की बात पर भरोसा किया जाए तो अवैध खनन में लगे छह ट्रैकर-ट्रॉली से नरैनी पुलिस को हर माह एक लाख अस्सी हजार रुपये की आय होती है। डग्गी से परिवहन करने पर कितना लिया जाता है, इसकी जानकारी नहीं हो पाई है।

    दशरथ पुरवा के निवासी रज्जन दीक्षित ने बताया कि अभी हाल ही में उन्होंने 112 टोलफ्री नम्बर पर फोन कर बालू के अवैध खनन की शिकायत की थी। पुलिस ने बालू भरा एक ट्रैक्टर भी पकड़ा था, लेकिन दो दिनों बाद उसे कोतवाली से छोड़ दिया गया है।

    नरैनी की उपजिलाधिकारी (एसडीएम) वन्दिता श्रीवास्तव का कहना है कि उन्हें “इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। यदि खनन हो रहा है तो लेखपाल को भेजकर जांच कराई जाएगी।”

    हालांकि हल्का लेखपाल ने बताया कि उन्होंने एक माह पूर्व ही राजस्व निरीक्षक से सत्यापित करवा कर खनन करने वालों के नाम सहित अपनी रिपोर्ट एसडीएम को सौंप दी है।

    जिला खनिज अधिकारी राजेश कुमार ने कहा, “मोतियारी, राजापुर, मुगौरा और नौगवां में चिन्हित खनन क्षेत्र नहीं है। कई जगह अवैध रूप से बालू का खनन किए जाने की शिकायत मिली है, लेकिन समय पर पुलिस बल उपलब्ध न होने की वजह से रोक नहीं लगा पा रहे हैं।”

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