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    बीजेपी

    हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री पद की दौड़ अपने चर्म सीमा पर है। सभी राजनेताओं की कोशिश इस सीएम की कुर्सी को पाने की है। विधानसभा की सीट हारने के बावजूद भी पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल इस कुर्सी को नहीं छोड़ना चाहते है लेकिन पार्टी में चुनावी शतरंज का खेल इतना आसान नहीं है।

    नव निर्वाचित 44 में से 22 विधायकों के खुले समर्थन के बावजूद धूमल मुख्यमंत्री पद की दावेदारी से बाहर हो गए है तो वहीं जेपी नड्डा की मुख्यमंत्री बनने की संभावनाए भी अब लगभग ख़त्म हो गयी है। बीजेपी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री इस बार विधायक दल से ही होगा। इससे पहले माना जा रहा था कि जयराम ठाकुर को सीएम बनाया जा सकता है। बीजेपी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री इस बार विधायक दल से ही होगा।

    हिमाचल प्रदेश के सीएम को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे है। यह फैसला बीजेपी तथा कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के लिए महत्वपूर्ण है। माना जा रहा है कि हिमाचल में सीएम राजपूत समाज के ही किसी राजनेता को बनाया जाएगा।

    गुजरात में भी मुख्यमंत्री पद के लिए दावेदारी शुरू हो गयी है। संभावना है कि विजय रुपानी को अपनी हार की वजह से खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। गुजरात में इस समय स्मृति ईरानी तथा पुरुषोत्तम रूपाला को मुख्यमंत्री पद के रूप में देखा जा रहा है।

    हिमाचल और गुजरात में सीएम कौन होगा इस बात का फैसला बीजेपी बहुत ही सावधानी के साथ करेगी क्यूंकि इस फैसले से आने वाला महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव और आगामी लोकसभा चुनाव में अप्रतयक्ष रूप से प्रभावित हो सकते है।

    पार्टी की कोशिश यह भी रहेगी कि दोनों ही छेत्रों में साफ़ सुथरी छवि के किसी राजनेता को ही मुख्यमंत्री बनाया जाए जिससे बीजेपी को किसी भी प्रकार के विवाद का सामना नहीं करना पड़े।