तमाम तरह के विरोधों और अटकलों के बाद आखिरकार विजय रुपाणी के नाम पर बीजेपी ने मुहर लगा ही दी। जी हां अब यह तय हो चूका है कि गुजरात के नए सीएम कोई और नहीं बल्कि विजय रुपाणी ही होंगे।
विधानसभा चुनाव में अपनी सीट से हारने के बाद ऐसा माना जाने लगा था कि रुपाणी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है लेकिन गहरे मंथन के बाद बीजेपी ने रुपाणी के नाम पर सहमति दे दी है। पहले से ही इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि यूपी की तरह ही यहां भी पार्टी दो उपमख्यमंत्री का फार्मूला अपना सकती है। पहले खबर आ रही थी कि स्मृति ईरानी या फिर मनसुख मांडविया को सीएम बनाया जा सकता है
अब यह बात और भी पुख्ता हो गई है। सूत्रों के अनुसार गुजरात में अब दो उपमुख्यमंत्री होंगे। जिनमे से एक चेहरा आदिवासी समाज से होगा। आदिवासी चेहरे के रूप में गणपत वसावा को देखा जा रहा है। इस बारे में घोषणा 25 या 26 दिसंबर को हो सकती है।
अटल बिहारी के जन्मदिन पर हो सकता है शपथग्रहण समारोह
माना जा रहा है कि 25 दिसंबर को विजय रुपाणी शपथ ग्रहण कर सकते है क्यूंकि उस दिन देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का जन्मदिन है। इस दिन को वैसे भी बीजेपी के लिए शुभ समझा जाता है। इससे पहले भी साल 2012 में चौथी बार नरेंद्र मोदी ने इसी दिन शपथ लिया था।
विजय रुपाणी का राजनैतिक सफर
विजय रुपाणी ने छात्र जीवन में आरएसएस से जुड़कर अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। कहा जाता है कि इंदिरा गाँधी द्वारा देश में लगाए गए आपातकाल के दौरान रुपाणी जेल में रहे थे। 1987 में वे राजकोट नगर निगम के चुनाव में जीतने के बाद 1998 में उन्हें प्रदेश में पार्टी का महासचिव बना दिया गया था। गुजरात की राजनीति में अहम रोल रखने वाले रुपाणी 2006 से 2012 तक वे राज्यसभा के सदस्य भी रह चुके है। 2013 में जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो उन्हें गुजरात म्यूनिसिपल फाइनेंस बोर्ड का चेयरमैन बनाया गया था। विजय रुपाणी 07 अगस्त को वो प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे।