देश में इन दिनों राजनेताओं द्वारा गजब का धार्मिक खेल खेला जा रहा है। जरूरत हो या ना हो लेकिन सभी पार्टी के छोटे से लेकर बड़े राजनेता हर तरह के मंच पर अनावश्यक धार्मिक बयानबाजी कर रहे है। पिछले कई चुनावों में भी सभी मुद्दों को पीछे रख कर धर्म को हथियार बनाया जा रहा है।
चुनाव अब विकास, शिक्षा, स्वास्थ और रोजगार के मुद्दों पर नहीं बल्कि भगवानों, मंदिरों और जनेऊधारियों के मुद्दों पर लड़ा और जीता जा रहा है। बीजेपी और कांग्रेस इन दिनों ज़्यादा हिन्दू होने की लड़ाई लड़ रही है। ऐसे में असदुद्दीन ओवैसी पीछे कैसे रह सकते थे, वो भी इस मामले में कूद पड़े है।
अब असदुद्दीन ओवैसी ने भी धार्मिक बयानबाजी करनी शुरू कर दी है। ओवैसी ने ना सिर्फ धार्मिक बयानबाजी की है बल्कि अपने बयानों से नए विवाद को भी खड़ा कर दिया है। एआईएमआईएम प्रमुख ने बयान दिया है कि जब हम हरा रंग पहनेंगे तो देश में कोई और रंग नहीं दिखाई देगा सब कुछ हरा हो जाएगा और हमारे रंग के आगे तमाम रंग फीके हो जाएंगे।
ओवैसी ने यह कह कर विवाद को हवा दे दिया कि उनके रंग के सामने मोदी समेत कांग्रेस के रंग गायब हो जाएंगे। उन्होंने भाषण दिया कि “हमारे हरे रंग के आगे कोई रंग नहीं टिकेगा, न मोदी का रंग, न कांग्रेस का, किसी का रंग नहीं सिर्फ हमारा रंग रहेगा। हरा, हरा और हरा”
Aap karen to kuch nahi, par hum jab green pehnenge to pura hara karenge ..insha allah… aur hamare hare rang ke aage koi rang nahi tikega, na Modi ka rang, na Congress ka, kisi ka rang nahi khali hamara rang rahega…hara, hara, hara…: Asaduddin Owaisi in Hyderabad, last night pic.twitter.com/wRhjGCu9lq
— ANI (@ANI) December 23, 2017
दरअसल गुजरात में जिस तरह से हिन्दू होने की होड़ बीजेपी और कांग्रेस में लगी हुई है उस से ओवैसी काफी दुखी है। उन्होंने अपने बयान में राहुल गाँधी की सोमनाथ यात्रा पर वार करते हुए कहा था राहुल सिर्फ मंदिर ही क्यों जा रहे है वो मस्जिद या फिर दरगाह क्यों नहीं जा रहे है?
ओवैसी के अनुसार राजनीतिक पार्टियां गुजरात समेत सभी जगह मुसलमान समाज के साथ अनदेखी कर रही है जो कि लोकतंत्र के लिए कही से भी अच्छा नहीं है। इस मामले में उन्होंने यह भी कहा कि दोनों ही पार्टियों ने गुजरात में जिस तरह का बर्ताव किया उससे लगा कि उन्हें मुस्लिम वोटों की तनिक भी परवाह नहीं है। शायद इस तरह वो चुनाव जीत भी जाए लेकिन यह लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं है।
Both national parties, in no way, tried to give a message that they are interested in getting Muslim votes (in Gujarat). They might win elections like this but it will weaken our democracy. Deliberate political marginalization of Muslims is not right: Asaduddin Owaisi pic.twitter.com/jV6PfJd9FH
— ANI (@ANI) December 23, 2017
आज कल हर राजनेता अपने समाज को खुश करने के लिए धार्मिक कार्ड खेल रहे है। कर्नाटक विधानसभा चुनाव के प्रचार में इससे पहले योगी और सिद्धारमैया अपने आप को ज्यादा हिन्दू साबित करने की लड़ाई लड़ते दिख चुके है।