एक वरिष्ठ सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकारी के अनुसार पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा पर लगभग 2000 किलोमीटर की संवेदनशील सीमा के साथ हाई-टेक बॉर्डर सर्विलांस प्रोजेक्ट स्थापित करने का काम छह से सात वर्षों में पूरा होने की संभावना है।
बीएसएफ के एडिशनल डायरेक्टर जनरल ए. के. शर्मा ने कहा कि कॉम्प्रिहेंसिव इंटीग्रेटेड बॉर्डर मैनेजमेंट सिस्टम (सीआईबीएमएस) घुसपैठियों का पता लगाने में सक्षम होगा।
बॉर्डर सर्विलांस प्रोजेक्ट सीआईबीएमएस सीमाओं की इलेक्ट्रॉनिक निगरानी सुनिश्चित करने के लिए कई नए गैजेट और तकनीकों का एकीकरण है। शर्मा ने कहा कि जम्मू और कुछ अन्य क्षेत्रों में भारत-पाकिस्तान सीमा के कुछ हिस्सों में आधुनिक उपकरण लगाने का काम पूरा हो चुका है। फिलहाल कार्य देश के बांग्लादेश से सटे सीमा क्षेत्रों में चल रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि, “सीआईबीएमएस प्रोजेक्ट पर काम लगातार चल रहा है। इसके तहत दुनिया की कुछ बेहतरीन तकनीकों का इस्तेमाल देश की सीमाओं पर निगरानी रखने के लिए किया जाएगा।“
अधिकारी ने कहा कि सीमा निगरानी परियोजना को संवेदनशील क्षेत्रों में प्राथमिकता के आधार पर लागू किया जा रहा है। जहां नदी, पहाड़ों और खाई जैसे इलाकों में पारंपरिक बाड़ का उपयोग नहीं किया जा सकता है।
शर्मा ने यह भी बताया कि, “सीआईबीएमएस परियोजना को पूरा होने में छह से सात साल लग सकते हैं। इस परियोजना के तहत, एक बहुत ही मजबूत तकनीकी तंत्र लगाया जा रहा है। यदि कोई हमारी सीमाओं में प्रवेश करने की कोशिश करेंगा तो यह प्रणाली घुसपैठियों को पकड़ लेगी।” साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि शुरुआत में पाकिस्तान और बांग्लादेश की सीमा पर 2,000 किलोमीटर लंबे संवेदनशील खंड पर यह परियोजना लागू की जाएगी।