एमटीएनएल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी है की एमटीएनएल को इसके कर्मचारियों का फरवरी माह का बकाया वेतन चुकाने के लिए सरकार द्वारा कुल 171 करोड़ रूपए वित्त दिया गया है। इसके अलावा बीएसएनएल को भी कुछ आंतरिक स्त्रोतों से 20 मार्च तक लगभग 850 करोड़ तक का बकाया वेतन चुकाना है।
बीएसएनएल के चेयरमैन का बयान :
इकनोमिक टाइम्स के मुताबिक इस विषय पर बीएसएनएल के चेयरमैन अनुपम श्रीवास्तव ने बयान देते हुए कहा की कर्मचारियों को कुल 850 करोड़ का वेतन देना बाकी है। इसके लिए कंपनी के आंतरिक स्त्रोतों से वित्त उपलब्ध करवाया जाएगा जिससे पूरे वेतन का भुगतान होगा। उन्होंने बताया की इस भुगतान के बाद बिलकुल भी वेतन राशी बकाया नहीं बचेगी।
कंपनी ने अपने कर्मचारियों को बता दिया है की उनका वेतन उन्हें 20 मार्च तक दे दिया जाएगा।
कुछ राज्यों में हुआ वेतन भुगतान शुरू :
भारत संचार निगम लिमिटेड के प्रवक्ता संजय कुमार सिन्हा ने बताया की बीएसएनएल ने केरल, जम्मू कश्मीर जैसे राज्यों में वेतन देना शुरू भी कर दिया है। हालांकि कुछ राज्यों में वेतन भुगतान अभी भी बाकी है जोकि संभवतः 20 मार्च तक पूरी तरह भुगतान कर दिया जाएगा। बीएसएनएल की नकदी की कमी से ऐसा जल्दी करना संभव नहीं हो पा रहा है।
सरकार के निर्णयों से हुए ये हालत :
बीएसएनएल और एमटीएनएल दोनों ही पूर्व में सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों के कारण इस तरह घाटे में आये हैं, जिनमें बड़ी संख्या में DoT कर्मचारियों का इन सार्वजनिक उपक्रमों में स्थानांतरण और मोबाइल सेवाओं के लिए महंगे स्पेक्ट्रम का आवंटन, जिसमें उन्हें कोई विकल्प नहीं दिया गया है।
पूरे भारत में BSNL के 1.76 लाख कर्मचारी हैं और MTNL के पास 22,000 हैं। यह अनुमान है कि अगले 5-6 वर्षों में 16,000 एमटीएनएल कर्मचारी और 50 प्रतिशत बीएसएनएल कर्मचारी सेवानिवृत्त होंगे। इससे बीएसएनएल पर से हालांकि बोझ थोडा कम होगा और नयी प्रतिभा को कम्पनी में जगह मिलेगी।
सरकार से बीएसएनएल की है यह मांग :
बीएसएनएल और एमटीेएनएल दोनों कंपनियों ने ही सरकार से इक्विटी इन्फ़्युज़न और रिलीफ का निवेदन किया है। इसके साथ ही बीएसएनएल सरकार से वोलंटरी रिटायरमेंट स्कीम लागू करने की भी अनुमति मांग रही है जिससे इस पर से वेतन का बोझ कम हो सके और यह वृद्धि पर केन्द्रित हो सके। इसके साथ ही इन योजनाओं को लागू करने के लिए बीएसएनएल सरकार से 7000 करोड़ रूपए के वित्त पोषण की अभी मांग कर रहा है।
वहीँ एमटीेएनएल सरकार से अपनी परिसंपत्तियों का विमुद्रीकरण करने की अनुमति मांग रही है। एमटीएनएल, जो केवल दिल्ली और मुंबई में काम करती है, को उम्मीद है कि परिसंपत्ति मुद्रीकरण और अन्य उपायों से कंपनी को लगभग 19,000 करोड़ रुपये के कर्ज से मुक्ति मिल सकती है।
लोगों में रोष
बीएसएनएल द्वारा कर्मचारियों की सैलरी ना देने पर लोगों में काफी गुस्सा है।
हाल ही में सोशल मीडिया पर एक विडियो वायरल हुई जिसमें एक बीएसएनएल कर्मचारी महिला नें बताया है कि किस प्रकार उनके लिए घर चलाना मुश्किल हो रहा है।
A BSNL employee says she doesn’t have money to feed children..
This is what we have after Modi’s five years of Development.
Ghar pe ghuske maara hai— Ravi Nair (@t_d_h_nair) March 14, 2019
इस विडियो के बाद लोगों नें सोशल मीडिया पर जमकर सरकार को बुरा भला कहा।
जाहिर है बीएसएनएल से पहले एचएएल के कर्मचारियों नें भी कुछ दिन पहले कहा था कि उन्हें अपना वेतन समय पर नहीं मिल रहा है।
इसके अलावा एयर इंडिया के कमर्चारियों नें जनवरी में कहा था कि लगातार दुसरे महीनें उनके वेतन में देरी हुई है।