Fri. Nov 22nd, 2024
    बीएसएनएल अमेज़न प्राइम

    बीएसएनएल भारत फाइबर ब्रॉडबैंड सर्विसेज के संबंध में बीएसएनएल ने हाल ही में एक घोषणा की है जिसके अंतर्गत अबसे ग्राहकों को यह प्लान सब्सक्राइब करने पर एक साल का अमेज़न प्राइम (Amazon Prime) सब्सक्रिप्शन मुफ्त मिलेगा।

    ऑफर की जानकारी :

    बीएसएनएल भारत फाइबर भारतीय टेल्को बीएसएनएल की तरफ से अपने ग्राहकों को आकर्षित करने की एक योजना है क्योंकि जिओ के आने के बाद से प्रीपेड ग्राहकों की संख्या में कमी देखी गयी है जिसके चलते सभी टेल्को अपने प्लान के मूल्यों पर प्रतिस्पर्धा न करके दुसरे क्षेत्र को बेहतर बनाने की कोशिश कर रहे है जैसे नेटवर्क गुणवत्ता सुधारना या नेत्फ्लिक्स या अमेज़न प्राइम की सदस्यता मुफ्त देना आदि।

    इसी के चलते बीएसएनएल ने यह योजना लागू की है। इसके अंतर्गत बीएसएनएल फाइबर के 777 रूपए या उससे अधिक के ब्रॉडबैंड प्लान को सब्सक्राइब करने पर ग्राहकों को 1 साल की अमेज़न प्राइम की मेम्बरशिप मुफ्त मिलेगी जिसकी कीमत 999 रूपए है।

    अमेजन प्राइम सब्सक्रिप्शन, अमेजन प्राइम वीडियो और अमेजन प्राइम म्यूजिक जैसी सेवाओं के साथ-साथ तेज डिलीवरी के साथ आता है। बीएसएनएल भारत फाइबर योजना के तहत, बीएसएनएल उपयोगकर्ता अपने समर्थित उपकरणों पर इन सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे।

    बीएसएनएल फाइबर के बारे में :

    बीएसएनएल फाइबर बीएसएनएल द्वारा शुरू की गयी ब्रॉडबैंड सर्विस है जिसमे ग्राहकों को 100 Mbps तक की स्पीड तक का डाटा मिलता है। इसमें कंपनी द्वारा प्रदान किये गए हर 1 GB इन्टरनेट की केवल 1.1 रूपए ग्राहक को देने होते हैं। बीएसएनएल ने यह सेवा एयरटेल और जिओ की गीगाफाइबर जैसी सेवाओं को प्रतिस्पर्धा के लिए लांच की है।

    बीएसएनएल द्वारा प्रदान की जा रही इस सर्विस के लिए कोई ऐक्टिवेशन चार्ज या इंस्टॉलेशन चार्ज नहीं रखा है। इसके साथ केवल ग्राहकों को सिक्योरिटी डिपॉजिट के तौर पर कस्टमर्स को 500 रुपये देने होंगे। यह डिपॉजिट ऑप्टिकल नेटवर्क टर्मिनल (ONT) के लिए है जिसे आप चालू हालत में वापस करने से 500 रुपये मिल जाएंगे। इसे रेंट पर भी लिया जा सकता है। ग्राहक इसे 90 रूपए प्रति महिना या 1080 रूपए प्रति वर्ष के शुल्क र रेंट पर भी ले सकते हैं।

    By विकास सिंह

    विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *