नई दिल्ली/वाशिंगटन, 3 जुलाई (आईएएनएस)| अमेरिका ने बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) को आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया है। इसके बाद संगठन ने इसकी निंदा करते हुए भारत, यूरोपीय संघ (ईयू) और अमेरिका से ‘बलूचिस्तान प्रांत में पाकिस्तानी शासन के खिलाफ उनके आजादी के आंदोलन’ को आगे बढ़ाने की अपील की है।
अमेरिकी विदेश विभाग ने मंगलवार को कहा कि वह बीएलए को वैश्विक आतंकवादी संगठन घोषित कर रहा है और अमेरिका में इस संगठन की सहायता करने को अपराध और यहां मौजूद उसकी सारी संपत्ति को जब्त करने का प्रावधान कर दिया है।
अमेरिका ने यह कदम पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की 20 जुलाई से होने वाली पांच दिवसीय अमेरिकी यात्रा से पहले उठाया है। खान इस दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से वार्ता करेंगे।
बीएलए के आधिकारिक प्रवक्ता जियांड बलूच ने अमेरिकी विदेश विभाग के प्रतिबंध को ‘समझ से परे और अन्यायपूर्ण’ बताया है।
प्रेस को दिए बयान में उन्होंने कहा कि अमेरिका, पाकिस्तान की कूटनीतिक ब्लैकमेलिंग का शिकार हो चुका है, जबकि संसाधनों से समृद्ध बलूचिस्तान क्षेत्र में पाकिस्तानी और चीनी विस्तारवादी डिजाइनों का विरोध करते समय बीएलए अंतर्राष्ट्रीय नियमों का पालन करता रहा है।
बीजिंग यहां अपनी अरबों के चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर (सीपीईसी) का निर्माण कर रहा है।
बलूच ने कहा, “बीएलए एक उदारवादी, धर्म निरपेक्ष और सशस्त्र रक्षा संगठन है। बीएलए अपनी मातृभूमि पर अपने लोगों की रक्षा के लिए विदेशी अतिक्रमणकारियों का विरोध कर रहा है। अंतर्राष्ट्रीय कानून किसी भी व्यक्ति या राष्ट्र को आत्मरक्षा की अनुमति देते हैं। अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा बीएलए पर प्रतिबंध समझ से परे और अन्यायपूर्ण है।”
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “बीएलए पाकिस्तान में 2006 से गैर कानूनी संगठन है और हाल के दिनों में इसने देश में कई हमले किए हैं।”
बलूच छात्र संगठन के नेता अल्लाह निजार ने ट्वीट कर कहा कि पाकिस्तानी प्रशासन ने उनके लोगों का नरसंहार किया था। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से बलूचिस्तान में शांति सेना भेजना का आग्रह किया।
निजार ने ट्वीट किया, “हम बलूच लोग भारत, यूरोपीय संघ और अमेरिका से बलूच आजादी आंदोलन को अपने एजेंडे में लेने और पाकिस्तान से व्यापारिक और कूटनीतिक समझौते तोड़ने का आग्रह करते हैं। संयुक्त राष्ट्र को अपनी शांति सेना बलूचिस्तान में भेजनी चाहिए।”
बीएलए पर पाकिस्तान में कई बार चीनी संस्थानों पर हमला करने का आरोप है। इनमें पिछले साल नवंबर में कराची में चीनी वाणिज्य दूतावास पर हमला भी शामिल है जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी।