Sat. Nov 23rd, 2024

    विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने एक समिति का गठन किया है, जिसमें पांच पैनल बनाये गए है। इसमें से एक पैनल के अनुसार बनारस हिन्दू युनिवर्सिटी से हिन्दू और अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से मुस्लिम शब्द हटाए जाने की सिफारिश की है। इसके पीछे बताया जा रहा है कि यह विश्वविद्यालय की धर्मनिरपेक्ष छवि को नहीं दर्शाते है।

     

    यूजीसी ने इस समिति का गठन किया था उस समिति का कार्य मुख्यतः विश्वविद्यालयों में अकादमिक, अनुसन्धान और वित्तीय सञ्चालन के अलावा इनके बुनियादी ढांचे की ऑडिट करनी थी। इस ऑडिट के वक़्त इन नामों को बदलने की मांग की गयी थी।

     

    यूजीसी ने 10 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में कथित अनियमितता की जाँच के लिए यह समिति बनाई थी। मानव संसाधन मंत्रालय के आदेश से इसमें 5 कमेटियों का गठन हुआ था, इन्ही पांच में से समिति एक ने विश्वविद्यालय के धर्मनिरपेक्ष चरित्र को दिखने के लिए इसे बदलने की सिफारिश की है।

     

    अलीगढ और बनारस विश्विद्यालय के अलावा अलग-अलग राज्यों की केंद्रीय विश्वविद्यालय में शैक्षिक, शोध, वित्तीय और मूलभूत सरंचना ऑडिट कराया गया जिसमें पांडिचेरी यूनिवर्सिटी, उत्तराखंड की हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल यूनिवर्सिटी, झारखण्ड की सेंट्रल यूनिवर्सिटी, राजस्थान की सेंट्रल यूनिवर्सिटी जम्मू की सेंट्रल यूनिवर्सिटी, वर्धा का महात्मा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, त्रिपुरा की सेंट्रल यूनिवर्सिटी, मध्यप्रदेश की हरिसिंह गौर यूनिवर्सिटी शामिल है।

     

    यह समिति जब अलीगढ मुस्लिम युनिवर्सिटी का ऑडिट कर रही थी, उसमे उन्होंने सुझाव दिया था कि संसथान को ‘अलीगढ यूनिवर्सिटी’ कहा जाए या फिर यूनिवर्सिटी के संस्थापक सर सैयद अहमद खान के नाम पर रख्हा जाए। इसी तरह बीएचयू मामले में भी सुझाव दिया गया जिसमें हिन्दू शब्द हटाने की बात कही।