राष्ट्रीय राजधानी में पानी की गुणवत्ता रिपोर्ट को लेकर जारी जंग थमने का नाम नहीं ले रही है। अब कहानी में नया मोड़ गुरुवार को आया जब भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने अपने दावे को दोहराते हुए कहा कि उसने अपने नमूनों में से एक दीपक राय के घर से लिया था।
हलांकि, दीपक राय ने एक चैनल से बात करते हुए बुधवार को इस बारे में कहा था कि यह दावा गलत है कि उनके घर से कोई सैंपल लिया गया है।
पानी के नमूने को एकत्र करने को लेकर बीआईएस के अधिकारियों ने गुरुवार को बीआईएस टीम द्वारा किए गए कॉल डिटेल्स और सुरक्षा प्रविष्टि का दावा किया।
दिल्ली में नल के पानी की गुणवत्ता पर बयानबाजी तब शुरू हुई, जब 16 नवंबर को केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने दिल्ली में पीने के पानी की गुणवत्ता पर आधारित भारतीय मानक ब्यूरो की एक रिपोर्ट को पेश किया। इसमें कहा गया कि भारत के सभी प्रमुख शहरों में से दिल्ली में पीने के पानी को लेकर हालत सबसे ज्यादा खराब है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा कि सिर्फ 11 नमूनों के जरिए शहर के पानी की गुणवत्ता को अच्छा या बुरा घोषित नहीं किया जा सकता है।
केंद्रीय मंत्री पासवान ने गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन में दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल पर झूठ बोलने और राजनीति करने का आरोप लगाया।
बीआईएस का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री केजरीवाल पूरे मामले में झूठ बोलकर राजनीति कर रहे हैं। वह लोगों को गुमराह कर रहे हैं। लोगों को डरा धमका कर उनसे जबरन झूठ बुलवाया जा रहा है।”
इससे पहले आप नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने आईएएनएस से कहा था, “हम राष्ट्रीय राजधानी में किसी भी स्वतंत्र एजेंसी से पानी की जांच को लेकर तैयार हैं। सच्चाई यह है कि उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की रिपोर्ट जल शक्ति मंत्रालय की रिपोर्ट का विरोधाभासी है, जिससे साबित होता है कि आई रिपोर्ट संदिग्ध है।”