सरकार ने प्राकृतिक गैस के दामों में करीब 10 फीसद का इजाफ़ा किया है, जिससे एक ओर जहाँ इससे ओएनजीसी व रिलायंस जैसी कंपनियों की कमाई बढ़ेगी, वहीं दूसरी ओर इससे सीएनजी व बिज़ली के दामों में भी बढ़ोतरी होगी। जिसका भार आम जनता को उठाना होगा। इसी के साथ ही अब यूरिया के दामों में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।
सरकार ने इसकी घोषणा शुक्रवार को कर दी है, जिसमे ये बताया गया कि सरकार प्राकृतिक गैस के दामों में 10 फीसद का इजाफ़ा कर रही है। सरकार प्राकृतिक गैस के दामों में प्रत्येक 6 महीनों में बढ़ोतरी करती है।
देश में प्राकृतिक गैस की कीमतों का निर्धारण प्रत्येक 6 महीनों में किया जाता है। इसमें इस बात का भी आकलन किया जाता है कि प्राकृतिक गैस सम्पन्न राष्ट्रों में फिलहाल इसके दाम क्या हैं?
दामों में हुई बढ़ोतरी की वजह से अब मुख्य उत्पादकों जैसे ओएनजीसी व रिलायंस इंडस्ट्रीज़ की कमाई में उछाल आएगी।
इसी के साथ अब प्राकृतिक गैस की कीमत करीब 3.36 अमेरिकी डॉलर प्रति mmBtu (मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट) हो जाएगी। इसके पहले सर्वाधिक कीमत अक्टूबर 2015 से मार्च 2016 में रिकॉर्ड की गयी थी। तब प्राकृतिक गैस की कीमत 3.82 अमेरिकी डॉलर प्रति mmBtu पर थी।
इसके पहले पिछले छः महीनों यानी अप्रैल से सितंबर के लिए गैस की कीमतें 3.06 अमेरिकी डॉलर प्रति mmBtu थी।
साथ ही आपको बताते चलें कि देश में प्रत्येक छः महीनों में तेल की कीमतों में बढ़ोतरी का फॉर्मूला वर्तमान की एनडीए सरकार का ही है।
प्राकृतिक गैस की कीमतों में बढ़ोतरी का सीधा असर सीएनजी और पीएनजी पर पड़ेगा। इसी के साथ अब आने वाली कुछ ही दिनों में सीएनजी और पीएनजी के दामों में बढ़ोतरी की खबरें सामने आ सकती है।
जो भी इंडस्ट्री अपने उत्पादन में प्राकृतिक गैस का इस्तेमाल करती है, उनके उत्पादों के भी दाम बढ्ने की संभावना है। माना जा रहा है कि इससे सबसे ज्यादा असर यूरिया तथा बिज़ली के उत्पादन पर पड़ेगा।
हालाँकि सरकार के इस फैसले के साथ ही देश की सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को अब 4 हज़ार करोड़ की अतिरिक्त कमाई होगी।