बिहार एनडीए की लड़ाई दिन पर दिन तेज होती जा रही है। एनडीए के घटक दल रालोसपा द्वारा शनिवार को भाजपा को सीट बंटवारे के लिए 30 नवम्बर तक समय दिए जाने के बाद आज भाजपा के तरफ से बयान आया कि ऐसी कोई समय सीमा नहीं मिली है।
भाजपा के बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव ने कहा कि ‘कुशवाहा मुझसे दिल्ली में दो बार मिले। उन्होंने अपनी शंकाओं से अवगत कराया। वो एक स्वस्थ वातावरण में की गई बातचीत थी। उन्होंने हमें सीट शेयरिंग के लिए कोई समय सीमा नहीं दी है। एनडीए बिहार में पूरी तरह एकजुट है।’
यादव ने कहा कि दिल्ली में कुशवाहा की मुलाक़ात पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से नहीं हो पायी क्योंकि अमित शाह 5 राज्यों के चुनावी दौरे पर दिल्ली से बाहर थे।
उधर उप्रेंद्र कुशवाहा ने ट्विटर पर बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी पर हमला किया। हालाँकि कुशवाहा ने सुशील मोदी का नाम नहीं लिया लेकिन उनके लिए ‘पिछलग्गू’ जैसे शदों का इस्तमाल किया।
मनन-चिंतन:
"कई लोग राजनीतिक पिछ्लग्गू होते है। छपास रोग से पीड़ित, मिजाज़ से अवसरवादी व घोर सत्तापरस्त…! इनकी उपयोगिता सहयोगी पार्टी/नेता का भोंपू के तौर पर बखूबी होता है। ऐसे लोग मच्छर की भाँति खून पीकर अपनी ही पार्टी में मलेरिया-डेंगू फैलाते है और अपना वजूद जिन्दा रखते हैं।"
— Upendra Kushwaha (@UpendraKushJDU) November 18, 2018
बिना नाम लिए किये गए ट्वीट में कुशवाहा ने ‘सत्ता का भूखा’, ‘अवसरवादी’ ऐसे शब्दों का जिक्र किया।
जेडीयू के वापस एनडीए में लौटने के बाद कुशवाहा भाजपा पर खुद के अनदेखी का आरोप लगाते रहे हैं। भाजपा और जेडीयू के बीच बराबर बराबर सीटों पर चुनाव लड़ने के समझौते के बाद कुशवाहा खुलकर नीतीश के खिलाफ बोलने लगे हैं।
पिछले महीने उन्होंने ये कह कर सनसनी मचा दी थी कि नीतीश 2020 के बाद मुख्यमंत्री नहीं बने रहना चाहते। उसके बाद नीतीश कुमार ने एक कार्यक्रम में कहा कि ‘इतने नीचे तक डिबेट को नहीं ले जाइये।’ जिसपर कुशवाहा ने नीतीश के ऊपर खुद को ‘नीच’ कहने का आरोप जड़ दिया। हालाँकि इस पुरे घटनाक्रम में एनडीए के दो अन्य दल भाजपा और लोजपा नीतीश के साथ खड़े रहे।
पिछले दिनों दिल्ली में कुशवाहा ने पूर्व जेडीयू नेता शरद यादव से भी मुलाकात की थी।