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    राजद नेता तेजस्वी यादव, आरएलएसपी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा और महागठबंधन के नए सहयोगी मुकेश साहनी ने शनिवार को रांची की जेल में लालू प्रसाद से मुलाकात की। ये मुलाक़ात 2019 लोकसभा चुनाव के लिए बिहार में विपक्षी गठबंधन में सीट बंटवारे के सम्बन्ध में थी। कांग्रेस और जीतन राम मांझी की पार्टी हिन्दुस्तान आवाम मोर्चा महागठबंधन के अन्य सहयोगी है।

    बिहार में लोकसभा की 40 सीटें हैं।

    करोड़ों रुपये के चारा घोटाला मामलों में दोषी पाए जाने के बाद प्रसाद को चिकित्सा आधार पर रांची के राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में रखा गया है।

    सूत्रों के अनुसार सीट बंटवारे पर कोई फाइनल बात नहीं हुई है लेकिन ये चर्चा एक प्रारंभिक चर्चा थी। बिहार में राजद विपक्षी गठबंधन में बड़े भाई की भूमिका में है इसलिए सीट बंटवारे के लिए लालू यादव की मजूरी आवश्यक है।

    सत्ताधारी जनता दल यूनाइटेड के नेताओं ने महागठबंधन के नेताओं पर जेल में जाकर लालू यादव के सामने दंडवत होने पर कटाक्ष किया है।

    गौरतलब है की बिहार एनडीए में सीटों का बंटवारा हो गया है जिसमे भाजपा और जेडीयू 17 -17 सीटों पर तथा राम विलास पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी 6 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।

    लालू प्रसाद यादव से मुलाकात के बाद बताया गया कि “महागठबंधन के सभी सहयोगी आज मौजूद नहीं थे इसलिए आज सिर्फ प्रारंभिक चर्चा हुई। सभी सहयोगियों की मौजूदगी में सीट बंटवारे पर चर्चा होगी और सीटें घोषित की जायेगी।”

    यह पूछे जाने पर कि क्या आरएलएसपी के एनडीए में होने की तुलना में उन्होंने महागठबंधन में बड़ी हिस्सेदारी की उम्मीद की थी, जिसने उन्हें बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से केवल दो की पेशकश की थी, कुशवाहा, जो कथित तौर पर झारखंड में चतरा सीट भी चाहते हैं। विश्वासपात्र नागमणि ने कहा, “उचित समय की प्रतीक्षा करें, आपको पता चल जाएगा।”

    प्रसाद के छोटे बेटे और राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी कुशवाहा के बाद पार्टी सुप्रीमो से मुलाकात की और संवाददाताओं से कहा कि सीट बंटवारे के फार्मूले की घोषणा करने की कोई जल्दी नहीं है।

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

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