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    बिहार सरकार अब बिना भवन या कम कमरों वाले हाई और उच्च माध्यमिक सरकारी स्कूलों में भवन निर्माण के लिए जमीन खरीदेगी। भवनहीन स्कूलों के लिए जमीन खरीदने में सफलता नहीं मिलती है तो सरकार जमीन को लीज पर भी ले सकती है। सभी ग्राम पंचायतों में उच्च विद्यालय खोले जाने की योजना के तहत राज्य सरकार ने माध्यमिक विद्यालयों को उच्च विद्यालय में अपग्रेड तो कर दिया, मगर सभी स्कूलों के पास मानकों के अनुरूप कमरे और भूमि उपलब्ध नहीं हैं। ऐसे में सरकार ने अब जमीन लेने की योजना बनाई है।

    शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि पहले जमीन को लीज पर लेने की कोशिश की जाएगी। इस पर अगर अंतिम सहमति नहीं बन पाई तो जमीन खरीदने का निर्णय लिया जाएगा।

    उन्होंने कहा, “अप्रैल 2020 से शेष सभी पंचायतों में नौवीं की पढ़ाई शुरू कराने के लिए हर हाल में 28 फरवरी तक अतिरिक्त कक्षाएं बना लेनी हैं। इस साल 2950 पंचायतों के चिह्न्ति माध्यमिक विद्यालयों के साथ ही पिछले साल अपग्रेड हुए 282 स्कूलों में नौवीं की हर हाल में पढ़ाई शुरू करा देनी है। पढ़ाई शुरू नहीं होने से संबंधित जिला शिक्षा अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई है।”

    अपर मुख्य सचिव आर.क़े महाजन ने 24 जिलों के जिला शिक्षा अधिकारी को स्पष्ट निर्देश दिया है कि उच्च विद्यालय के लिए सरकारी जमीन नहीं रहने पर न्यूनतम 75 डिसमिल जमीन सरकार के प्रावधान के अनुसार लीज पर लेनी है।

    विभागीय अधिकारी के मुताबिक, राज्य में 1163 पंचायतों में दो-दो और 193 पंचायतों में एक-एक कमरे बनाए जाने हैं। इसके अलावा कई स्कूलों में शौचालय का भी निर्माण होना है।

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