Wed. Jun 26th, 2024
    शिक्षा मित्रों, बिहार सरकार

    बिहार में संविदा शिक्षकों के रूप में काम करने वाले साढ़े तीन लाख शिक्षकों ने 1 फरवरी 2018 से हड़ताल पर जाने की धमकी दी है। उन्होंने राज्य सरकार से समान कार्य एव समान वेतन की अपील की है। स्कूलों में कार्यरत संविदा शिक्षकों के 23 विभिन्न संगठनों ने रविवार को बैठक की जिसमे संगठनों ने राज्य सरकार को 31 जनवरी 2018 तक समान कार्य एव समान वेतन के लिए अल्टीमेट दिया है। मांग पूरी न होने पर हड़ताल पर जाने की धमकी दी है।

    वही संविदा शिक्षको के एक नेता ने कहा कि अगर सरकार हमारी मांगे पूरी नहीं करती है तो हम प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च विद्यालयों को बंद कर देंगे, और फरवरी में होने वाले मैट्रिक और बारहवीं की परीक्षा का जमकर बहिष्कार करेंगे।

    बिहार में अनुबंधन पर काम करने वाले शिक्षको ने कहा कि हमें इस कार्य के लिए मजबूर किया गया। राज्य में संविदा पर काम करने वाले शिक्षको को समान कार्य और समान वेतन पर पटना उच्च न्यायालय के खिलाफ राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती है। पटना उच्च न्यायालय ने 31 अक्टूबर को एक ऐतिहासिक फैसले में कहा था कि राज्य में कार्यरत संविदा शिक्षको को समान काम एव समान वेतन की मांग सही है और इसे लागु करना चाहिए।

    कोर्ट के आये इस फैसले पर संविदा शिक्षको ने कहा कि समान काम एव समान वेतन को लेकर सरकार हमारे साथ दोहरा व्यवहार कर रही है। संविदा पर काम कर रहे शिक्षकों ने कहा कि पुराने शिक्षको के बराबर वेतन होना चाहिए। जिसे राज्य सरकार ने ख़ारिज कर दिया था जिससे बिहार के संविदा शिक्षको ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया था।

    बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन शिक्षकों के प्रदर्शन का विरोध इसके पहले कर चुके है, उन्होंने कहा था कि सरकार यह मांग पूरी नहीं कर सकती है।