बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के चारा घोटाले में जेल जाने के बाद उनकी पार्टी में भी संकट के बादल छा गए है। लालू के जेल जाने के बाद उनकी पार्टी की जिम्मेदारी पूर्व उपमुख्यमंत्री व लालू के बेटे तेजस्वी यादव पर है। लेकिन तेजस्वी यादव इस जिम्मेदारी को बखूबी नहीं निभा पा रहे है।
तेजस्वी यादव से खफा होकर राजद के महासचिव अशोक सिन्हा ने पद से इस्तीफा दे दिया है। अशोक सिन्हा ने तेजस्वी यादव पर आरोपों की बौछार करते हुए उनकी कार्यशैली व व्यवहार पर सवाल उठाए है।
राजद के वरिष्ठ नेता व महासचिव अशोक सिन्हा ने कहा कि राजद पार्टी आज के समय में अप्रासंगिक बन चुकी है। पार्टी में समय बर्बाद करने से अच्छा यह है कि इसे छोड़ दिया जाए। अशोक सिन्हा ने तेजस्वी यादव के ऊपर टिप्पणी करते हुए कहा कि उनमें लालू यादव की तरह पार्टी का नेतृत्व करने का गुण नहीं है।
अशोक सिन्हा के पार्टी से इस्तीफा देने के बाद राजद की आंतरिक कलह सामने आ गई है। तेजस्वी यादव अभी राजद को संभालने के लिए पूरी तरह से परिपक्व व अनुभव नहीं दिख रहे है।
तेजस्वी के लिए पार्टी बचाना बेहद चुनौतीपूर्ण
लालू के जेल जाते ही राजद पार्टी को बचाए रखना तेजस्वी यादव के लिए बड़ी चुनौती है। राजद पार्टी के बड़े नेता तेजस्वी के नेतृत्व से नाखुश बताए जा रहे है। यह पहला मौका नहीं है जब लालू के बेटों व राजद नेताओं के बीच विवाद हुआ हो। जून 2017 के पहले ही लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव व राजद नेता सनोज यादव के बीच में बहस हो गई थी।
आवास पर आयोजित इफ्तार पार्टी के दौरान तेज प्रताप व सनोज यादव के बीच बहस इतनी बढ़ गई थी कि तेज प्रताप ने उसे बुरी तरह से पीटा था। घटना के तुरंत बाद, सनोज यादव ने राजद के सभी पद से इस्तीफा दे दिया और भाजपा नेता सुशील मोदी के साथ मुलाकात की।
बाद में, सनोज यादव ने घोषणा करते हुए कहा था वह जल्द ही भाजपा में शामिल होने जा रहे है। अब अशोक सिन्हा के इस्तीफा देने के बाद कयास लगाए जा रहे है कि वो जल्द ही बीजेपी मे शामिल हो सकते है।