पुरे देश में आरक्षण को लेकर बहस चल रही है। इस बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संविदा और ठेका नौकरियों में आरक्षण लागू कर दिया है। इतना ही नहीं महिलाओ को मिलने वाले 33 फीसदी आरक्षण को भी मान लिया गया है।
बुधवार को सामान्य प्रशासन के इस फैसले को राज्य मंत्रिमंडल ने अपनी मंजूरी दे दी है यानी अब जो भी भर्तियां संविदा और ठेके पर होंगी उन सब में आरक्षण लागु होगा। इस फैसले से आरक्षित सभी जातियों को बड़ा फायदा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। अब से संविदा और ठेका पर जितनी भी भर्तियां होंगी वो सभी जातीय आरक्षण के हिसाब से होंगी, यानी डॉक्टर, शिक्षक, ऑपरेटर, ड्राइवर, हाऊस कीपिंग और फिर चतुर्थवर्ग के कर्मचारियों को नियुक्त करने में कुल भर्तियां आरक्षण के नए नियमों से की जाएगी।
नीतीश कैबिनेट के बड़े फैसले
नवनियुक्त आठ हजार महिला सिपाहियों के प्रशिक्षण के लिए आठ अलग-अलग बीएमपी में प्रशिक्षण केंद्र निर्माण की सहमति भी मंत्रिमंडल ने देने का फैसला लिया है। साथ ही गुरू गोविंद सिंह के 350 वें प्रकाश पर्व के समापन समारोह के लिए पटना में दो स्थान कंगनघाट और बाइपास के निकट अस्थायी टेंट सिटी निर्माण के लिए 52 करोड़ रुपये स्वीकृत भी दिया है, वैसे इस राशि में से चार करोड़ रुपये वैसे किसानों को फसल क्षतिपूर्ति के रूप में दिए जाएंगे जिनकी जमीन पर टेंट सिटी का निर्माण होगा।
पश्चिम चंपारण और औरंगाबाद में नव स्वीकृत पॉलीटेक्निक संस्थान के लिए 70 शैक्षणिक और 76 गैर शैक्षणिक पद सृजन की अनुमति भी दी गयी है। साथ ही छह पॉलीटेक्निक में नए डिप्लोमा कोर्स संचालन के लिए राज्य स्कीम से चालीस राजपत्रित और सोलह अराजपत्रित पदों की स्वीकृति भी दे दी गयी है।
पश्चिम चंपारण के बेलाटाडी और जमुई के आस्ता में एकलव्य मॉडल के अंतर्गत एक-एक विद्यालय स्थापित करने की मंजूरी भी दी है। तथा बिहार पथ निर्माण विभाग अमीन संवर्ग भर्ती एवं सेवा नियमावली 2017 और विभिन्न सरकारी भवनों को इंटरनेट कनेक्टिविटी देने के लिए ऑप्टिकल फाइबर बिछाने की अनुमति भी दी गई है।