कई बार सोच के हैरानी होती है कि कुछ फिल्म कब आती है और कब चली जाती है किसी को पता तक नहीं चलता है और वहीं संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती है जिसने पूरे देश का ध्यान अपनी और खींचा हुआ है शायद यही तो ताकत होती है इतिहास की, परन्तु जब इतिहास के साथ कुछ फेरबदल किया जाता है तो निर्माण होता है संजय लीला भंसाली की पद्मावती का।
कुछ बड़े राजनीतिक संगठनों, क्षेत्रीय दलों और राजपूताना समाज द्वारा फिल्म का पूरजोर विरोध किया जा रहा है उनका कहना है कि फिल्म में इतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ की गई है अब उनका कहना कितना सही है या फिर संजय लीला भंसाली की बातों पर यकीन किया जाए यह तो फिल्म के रिलीज़ होने के बाद ही पता चलेगा परन्तु सबसे बड़ा सवाल तो यही बना हुआ है कि पद्मावती रिलीज़ भी होगी या नहीं।
आपको बता दें मध्य प्रदेश, गुजरात, उतर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान और अब एक और नाम इस सूचि में जुड़ते हुए जहां यह फिल्म अब बन हो चली है बिहार। दरअसल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फिल्म ‘पद्मावती’ पर बैन लगाने की अनुमति देते हुए अधिकारियों से कहा कि जब तक फिल्म से जुड़ा प्रत्येक विवाद खत्म नहीं हो जाता, बिहार में फिल्म ‘पद्मावती’ रिलीज़ नहीं होगी। इसके बाद नीतीश कुमार ने अधिकारियों को बिहार में फिल्म पर बैन लगाने का आदेश दे दिए।
रानी पद्मावती राजपूताना संस्कृति का अलंकार है और भारत रानी पद्मावती का अपमान नहीं सहेगा, वह भारत का गौरव है सम्मान है इतिहास है और जिस में इतिहास के साथ फेर बदल किया जाता है उस देश कि सभ्यता और संस्कृति सदा सदा के लिए नष्ट हो जाती है। इस प्रकार हो रहे विरोध पर फिल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली का कहना है कि “फिल्म में ऐसा कुछ भी नहीं दिखाया गया है जिससे लोगों कि भावनाओ को ठेस पहुंचे”।