बिहार की राजधानी पटना में एक कॉलेज की छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना प्रकाश में आई है। इस घटना के विरोध में तथा आरोपियों को फांसी देने की मांग को लेकर शुक्रवार को पटना विश्वविद्यालय के छात्र और छात्राएं सड़क पर उतरे और उन्होंने जमकर प्रदर्शन किया।
पुलिस ने बाद में बल प्रयोग कर इन्हें सड़कों से हटाया। इस बीच, दो आरोपियों के अदालत में आत्मसमर्पण की सूचना है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि घटना नौ दिसंबर की है, जहां पीड़िता को उसके फोटो व वीडियो वायरल करने की धमकी देकर उसे धोखे से पाटलिपुत्र थाना क्षेत्र के नेहरू पथ स्थित एक युवक के मकान में बुलाया गया और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया।
छात्रा ने पुलिस को दिए बयान में कहा है, “वह पटना के एक कॉलेज में बीए की पढ़ाई करती है। उसी कॉलेज में पढ़ने वाले सीनियर छात्र विपुल कुमार से उसकी दोस्ती हुई। इसी क्रम में विपुल ने झूठे प्यार का नाटक रचा और अपने साथ मोबाइल में कई तस्वीरें कैद कर लीं। उसके बाद उसने अपने दोस्त अमन भूमि, मनीष सिंह, अश्विनी सिंह राजपूत को सारी बातें बताई।”
पीड़िता के मुताबिक, विपुल प्यार का नाटक करने लगा और धोखे से पाटलिपुत्र स्थित एक घर में बुलाया। पहले से कमरे में बाकी दोस्त मौजूद थे और बारी-बारी से सभी ने दुष्कर्म किया। विरोध करने के दौरान उन लोगों ने जान से मारने की धमकी दी। इसी दौरान आरोपियों ने पीड़िता के भाई की हत्या करने की धमकी दी।
पीड़िता ने तुरंत इसकी जानकारी अपने अभिभावकों को नहीं दी, परंतु बाद में उसके पिता को अन्य किसी से इसकी जानकारी मिली और फिर यह मामला पुलिस तक पहुंचा।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि पीड़िता की चिकित्सा जांच कराई गई है।
इस घटना के बाद शुक्रवार को पटना विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं सड़क पर उतरे और कारगिल चौक पहुंचकर उन्होंने जमकर प्रदर्शन किया और सड़कें अवरुद्घ कर दी। ये सभी आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी और फांसी देने की मांग कर रहे थे। छात्रों के हंगामे के कारण पटना में जगह-जगह जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई।
इसके बाद छात्रों को हटाने के लिए पुलिस ने पहले वाटर कैनन का इस्तेमाल किया और फिर हल्का बल प्रयोग किया। पुलिस ने पटना विश्वविद्यालय छात्रसंघ अध्यक्ष मनीष कुमार सहित कई छात्रों को हिरासत में लिया है।
पटना के सहायक पुलिस अधीक्षक (विधि व्यवस्था) स्वर्ण प्रभात ने बताया कि इस मामले के दो आरोपी मनीष और विपुल ने पटना की एक अदालत में समर्पण कर दिया है। शेष आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि समर्पण करने वाले आरोपियों को भी पुलिस रिमांड पर लेने की कोशिश की जाएगी।
पीड़िता के बयान पर पाटलिपुत्र थाने में एक प्राथमिकी दर्ज कराई गई है, जिसे महिला थाना भेज दिया गया है। दर्ज प्राथमिकी में चार लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया है।