Sun. Aug 24th, 2025

    बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सोमवार को विपक्षी दलों ने रविवार को कांग्रेस नेताओं के शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर हुए पुलिस लाठीचार्ज को लेकर जमकर हंगामा किया। इस बीच, विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि सरकार तानाशाही पर उतर गई है और लाठी से जनता की आवाज दबाना चाहती है।

    बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन विपक्षी दलों के विधायकों ने सदन के बाहर और अंदर जमकर हंगामा किया। सदन की कार्यवाही प्रारंभ होते ही विपक्षी सदस्य वेल में आकर हंगामा करने लगे। इस दौरान विपक्ष के नेता ने पटना में कांग्रेस के नेताओं पर लाठीचार्ज की निंदा करते हुए अपनी बात रखने की कोशिश की, परंतु उन्हें नियमानुकूल अपनी बातें रखने को कहा गया।

    इस बीच, विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने कई बार विपक्षी सदस्यों को अपने स्थान पर जाने को कहा, परंतु हंगामा जारी रहा, जिसके कारण सदन की कार्यवाही अपराह्न् दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

    इससे पहले सदन के बाहर पोर्टिको में भाकपा-माले के सदस्यों ने एनआरसी के विरोध में विधेयक लाने की मांग करते हुए हंगामा किया।

    बिहार में बढ़ते वायु प्रदूषण पर सरकार द्वारा कोई उपाय नहीं करने के विरोध में कांग्रेस के विधान पार्षद प्रेमचंद मिश्रा सहित कई सदस्य मास्क लगा कर सदन पहुंचे।

    मिश्रा ने कहा कि प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए सरकार कुछ नहीं कर पा रही है।

    इसके बाद सदन के बाहर पत्रकारों से चर्चा करते हुए तेजस्वी ने बिहार की सरकार को तानाशाह बताते हुए जमकर निशाना साधा। उन्होंने बेरोजगारी के मुद्दे पर भी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि बिहार में बेरोजगारी बढ़ रही है।

    तेजस्वी यादव ने महाराष्ट्र के मामले को जनादेश का अपमान बताते हुए कहा कि बिहार में भी ऐसा हो चुका है। नेता विपक्ष ने पटना में कांग्रेसी नेताओं और कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किए जाने की निंदा करते हुए कहा कि सरकार के विरुद्घ आवाज उठानेवालों को लाठी-डंडे से दबाने का प्रयास किया जा रहा है।

    उल्लेखनीय है कि रविवार को महंगाई, बेरोजगारी के खिलाफ कांग्रेस द्वारा ‘जन वेदना मार्च’ निकाला गया था, जिस पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था।

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