नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) का विरोध अब बिहार में भी प्रारंभ हो गया है। राज्य के कई जिलों में शुक्रवार को मुस्लिम संगठनों के बैनर तले इस विधेयक को वापस लेने की मांग को लेकर लोग सड़क पर उतरे और प्रदर्शन किया। किशनगंज में जमात-ए-उलेमा हिंद के बैनर तले सैकड़ों की संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में शामिल लोगों ने कहा कि यह विधेयक हिंदुओं और मुसलमानों के बीच नफरत पैदा कर रहा है।
किशनगंज के चूड़ी पट्टी चौक से गांधी चौक तक निकाले गए इस जुलूस में सैकड़ों लोगों ने भाग लिया। शुक्रवार को मस्जिदों में जुमे की नमाज के बाद लोग इकट्ठे होकर इस विधेयक का विरोध करने सड़कों पर उतरे और हाथों में तख्तियां लेकर लोगों ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया। इस दौरान हालांकि प्रशासन ने एहतियातन सुरक्षा के मद्देनजर पर्याप्त सुरक्षा बलों के इंतजाम किए थे।
गया में भी इस विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन हुआ। यहां टॉवर चौक से गांधी मैदान तक जुलूस निकाला गया और केंद्र सरकार के विरोध में नारे लगाए गए।
इसके अलावा पटना, भागलपुर, मुंगेर, अररिया और छपरा सहित कई अन्य जिलों में भी इस विधेयक के विरोध में सड़कों पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किए गए। प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान केंद्र सरकार से नागरिकता संशोधन विधेयक वापस लेने की मांग की। छपरा में लोगों ने समाहरणालय का घेराव भी किया।
प्रदर्शन कर रहे लोगों ने इस विधेयक को देश के लिए काला कानून बताया और कहा कि जिस दिन यह विधेयक पारित हुआ, वह लोकतंत्र के लिए ‘काला दिन’ था। लोगों ने कहा कि इस विधेयक के कारण पूरे विश्व में भारत की छवि खराब हो रही है।
उल्लेखनीय है कि नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 लोकसभा और राज्यसभा में पास हो गया है, और राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद वह अब कानून बन चुका है।