Sat. Nov 9th, 2024

    लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार के मंत्रियों पर निशाना साधा है। तेजस्वी यादव का कहना है कि नेताओं ने फर्जी कोरोना रिपोर्ट बनाकर घोटाले किए हैं। तेजस्वी यादव ने बिहार में नेताओं के द्वारा फर्जी कोरोना टेस्ट करवाए जाने और उसके बाद अरबों रुपयों का घोटाला करने का आरोप लगाया है। तेजस्वी यादव ने कहा कि नेताओं ने कोरोना के फर्जी टेस्ट दिखाए और उसके बाद अधिकारियों ने उन के माध्यम से अरबों रुपए का घोटाला किया है।

    तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर यह बातें लिखी। उन्होंने लिखा कि नीतीश सरकार आत्मा विहीन है। यदि उनका बस चले तो वे कोरोना के बाद मरे हुए गरीबों की लाशों को बेचकर भी पैसा कमाने लगें। उन्होंने एक अंग्रेजी अखबार का हवाला देते हुए कहा कि जिस तरह सरकार ने दावे किए थे, उतने कोरोना टेस्ट हुए ही नहीं। सरकार ने जो आंकड़े दिखाएं वे मनघड़ंत है और उसके बाद करोड़ों रुपए का हेरफेर किया गया है। साथ ही उन्होंने कहा की सरकार को जमीनी सच्चाई पता थी लेकिन फिर भी सीएम नीतीश और उनके स्वास्थ्य मंत्री कहते रहे कि बिहार में टेस्ट सही हो रहे हैं। नीतीश कुमार ने दावे के साथ कहा है कि टेस्टिंग में गड़बड़ी की गई है और नेताओं ने फर्जी टेस्ट दिखाकर अरबों रुपए की हेरफेर किया है।

    यह पहली बार नहीं है जब तेजस्वी नीतीश कुमार सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं। कुछ दिन पहले भी ऐसा ही एक ट्वीट उन्होंने किया था। उन्होंने नीतीश को अपराधियों को संरक्षण देने वाला और अनैतिक बताया था। साथ ही उन्होंने अपनी खुद की गिरफ्तारी की भी मांग की थी। उन्होंने नीतीश सरकार पर तीखा कटाक्ष करते हुए लिखा था की नीतीश कुमार 60 घोटालों के साजिशकर्ता है और वे भ्रष्टाचार के भीष्म पितामह हैं। उन्होंने नीतीश कुमार को एक कमजोर मुखिया बताया। बिहार पुलिस को घेरते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस गलत तरीके से शराब बेच रही है। साथ ही उन्होंने खुद की गिरफ्तारी की बात भी लिखी थी।

    तेजस्वी यादव राष्ट्रीय जनता दल के नेता है और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वे आए दिन कभी ना कभी नीतीश कुमार पर लगातार निशाने साधते रहते हैं। चुनाव में उनकी पार्टी के हारने के बाद वे बहुत आक्रामक हो चुके हैं। वे दावे के साथ कह रहे हैं कि बिहार में किए गए कोरोना टेस्ट फर्जी हैं और जमीनी सच्चाई कुछ और है। अब उनके वादों में कितनी असलियत है और कितना झूठ यह पता लगाया जाना बाकी है।

    लालू यादव के बाद राष्ट्रीय जनता दल को संभालने वाले तेजस्वी यादव का बिहार के एक अच्छे खासे वोट बैंक पर कब्जा है। बिहार का युवा तेजस्वी यादव के प्रति एक सॉफ्ट कॉर्नर रखता है, इसीलिए उनके ट्वीट से नीतीश की छवि पर फर्क पड़ना लाजमी है। हाल ही में नीतीश का मंत्रिमंडल विस्तार हुआ है जिसमें जिससे खुद ही बीजेपी के नेता संतुष्ट नहीं नजर आ रहे हैं। ऐसे में तेजस्वी का भी ये ट्वीट कर देना नीतीश कुमार की छवि के लिए बुरा साबित हो सकता है।

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