पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार के आदेश को चुनौती देने वाली राजद नेता तेजस्वी यादव की याचिका को खारिज कर दिया और उपमुख्यमंत्री रहने के दौरान उन्हें आवंटित बंगला खाली करने को कहा।
तेजस्वी यादव ने 6 अक्टूबर के एकल न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ अपील की थी जिसने उन्हें अपने उत्तराधिकारी के साथ आवास की अदला-बदली करने को कहा था। दो न्यायाधीशों वाली पीठ ने आज उनकी अपील खारिज कर दी।
5, देशरत्न मार्ग स्थित विशाल बंगले को तेजस्वी को 2015 में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली तत्कालीन ‘महागठबंधन’ सरकार के उपमुख्यमंत्री रहते आवंटित किया गया था। लेकिन सत्ता और पद गंवाने के एक साल बाद भी तेजस्वी यादव उसी बंगले में रहते हैं। बंगला राजभवन और मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास के करीब है।
पटना उच्च न्यायालय ने तेजस्वी की याचिका पर अपने आदेश में कहा था कि “याचिकाकर्ता को 1, पोलो रोड, पटना में सरकार में पूर्व मंत्री के रूप में अपनी स्थिति से मेल खाते हुए बंगला आवंटित किया गया है … वह निर्णय पर इसलिए शिकायत नहीं उठा सकते हैं इसलिए बस क्योंकि वर्तमान बंगला उनके लिए अधिक अनुकूल है।
महागठबंधन की सरकार से हाथ खिंच कर नितीश ने भाजपा के साथ सरकार बना ली थी। उस वक़्त तेजस्वी यादव नितीश सरकार में उपमुख्यमंत्री की हैसियत से थे। सत्ता बदलने के बाद उन्हें कहा गया था कि नए उपमुख्यमंत्री सुशिल कुमार मोदी के साथ वो बंगले की अदला बदली कर लें लेकिन उन्होंने ये कह कर मना कर दियुआ कि पुराना बँगला उनके लिए अधिक मुफीद है।