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    बिहार में सत्ताधारी जनता दल (युनाइटेड) ने बुधवार को उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर और राज्यसभा के पूर्व सांसद पवन कुमार वर्मा को तत्काल प्रभाव से पार्टी से निष्कासित कर दिया है। जद (यू) के प्रधान महासचिव क़े सी़ त्यागी ने बुधवार को एक बयान जारी कर कहा कि पार्टी का अनुशासन, पार्टी का निर्णय और पार्टी नेतृत्व के प्रति वफादारी ही दल का मूलमंत्र होता है। उन्होंने कहा कि पिछले कई महीनों से दल के अंदर पदाधिकारी रहते हुए प्रशांत किशोर ने कई विवादास्पद बयान दिए, जो दल के निर्णय के विरुद्घ एवं उनके स्वेच्छाचारिता का परिचायक है।

    बयान में कहा गया है कि पार्टी ने उन्हें (प्रशांत) सम्मान दिया। किशोर ने पार्टी के अध्यक्ष के विरुद्घ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया जो, अपने आप में स्वेच्छाचरिता है। किशोर और ज्यादा नहीं गिरें, इसके लिए आवश्यक है कि वह पार्टी से मुक्त हों।

    बयान में वर्मा के बारे में कहा गया है, “उन्हें जितना सम्मन मिलना चाहिए था, उससे ज्यादा सम्मान पार्टी अध्यक्ष नीतीश कुमार ने दिए हैं। उन्होंने इस सम्मान को पार्टी की मजबूरी समझी। पार्टी के अध्यक्ष को पत्र लिखकर इसे सार्वजनिक करना, उसमें निजी बातों का उल्लेख करना और उसे सार्वजनिक करना यह दर्शाता है कि दल का अनुशासन उन्हें स्वीकार नहीं।”

    बयान में कहा गया है कि “पार्टी के दोनों नेता प्रशांत किशोर और पवन वर्मा दल के अनुशासन के बंधन में नहीं रहना चाहते हैं और मुक्त होना चाहते हैं। यही कारण है कि जद (यू) दोनों नेताओं को तत्काल प्रभाव से प्राथमिकत सदस्यता और अन्य सभी जिम्मेदारियों से मुक्त करता है।”

    उल्लेखनीय है कि मंगलवार रात प्रशांत किशोर ने पार्टी अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को झूठा बताते हुए जबरदस्त सियासी हमला बोला था।

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