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    बिहार में इस साल अक्टूबर-नवंबर में होने वाले संभावित चुनाव को लेकर जहां सभी पार्टियों ने अपनी तैयारी प्रारंभ कर दी है, वहीं बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) में घमासान मच गया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद को पार्टी की सुस्ती पर लिखे गए पत्र के बाद पार्टी के दो नेता आमने-सामने आ गए हैं।

    रघुवंश सिंह ने पार्टी अध्यक्ष लालू प्रसाद को पत्र लिखकर चुनाव की तैयारियों को लेकर पार्टी द्वारा सुस्त रवैया अपनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने लालू से कार्रवाई की मांग करते हुए कहा है कि अभी तक कोई समिति नहीं बनाई गई है।

    रघुवंश के निशाने में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह हैं, जिन्हें हाल ही में पार्टी ने राज्य की कमान सौंपी है।

    सूत्रों का कहना है कि रघुवंश प्रसाद सिंह और जगदानंद सिंह में पहले से भी तनातनी रही है। लेकिन जब से जगदानंद सिंह को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है, तब से दोनों के बीच तल्खी कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है।

    रघुवंश ने पत्र में सवालिया लहजे में लिखा है, “क्या संगठन बिना संघर्ष और संघर्ष बिना संगठन के मजबूत किया जा सकता है? सबसे बड़ा जनाधार और सबसे बड़ी फौज वाली पार्टी का संगठन बहुत जल्द बनाकर क्या हमें चुनाव की तैयारी में नहीं लग जाना चाहिए?”

    उल्लेखनीय है कि लालू प्रसाद फिलहाल चारा घोटाले के मामले में रांची की एक जेल में सजा काट रहे हैं।

    पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह कहते हैं, “पार्टी को प्रदेश अध्यक्ष मिले एक महीने से ज्यादा समय गुजर गया, परंतु अब तक जिला और बूथ स्तर पर पार्टी के संगठन के संबंध में कोई प्रगति नहीं हुई है। प्रदेश अध्यक्ष द्वारा लगातार कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की जाती है।”

    रघुवंश को पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी का भी साथ मिला है। शिवानंद भी मानते हैं कि जगदानंद और रघुवंश के बीच अनबन है। दोनों के बीच विचारधारा को लेकर अंतर है। उन्होंने हालांकि आशा व्यक्त की कि यह केवल ‘कम्युनिकेशन गैप’ है। दोनों एक जगह मिलकर बैठेंगे तो सारी गलतफहमियां दूर हो जाएंगी।

    उन्होंने कहा कि पार्टी के भीतर लोकतंत्र है और रघुवंश प्रसाद ने पार्टी के हितों के बारे में ही लिखा है।

    तिवारी ने कहा कि दोनों नेताओं की मंशा गलत नहीं है। रघुवंश सिंह देरी की वजह से चिंतित हैं। उन्होंने दोनों नेताओं को लालू प्रसाद से मुलाकात करने की सलाह दी।

    जगदानंद सिंह कहते हैं कि रघुवंश प्रसाद सिंह द्वारा उनको कोई पत्र नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि इस मामले में अटकलबजी ठीक नहीं है। उन्होंने हालांकि माना कि अगर पत्र मिलेगा और जरूरत होगी तो वह लालू प्रसाद से मिलेंगे।

    गौरतलब है कि रघुवंश सिंह ने लालू को लिखे पत्र की कॉपी जगदानंद और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को भी भेजी है।

    राजद के नेताओं के बीच छिड़े इस विवाद को लेकर विरोधी कटाक्ष कर रहे हैं। बहरहाल, चुनावी साल में जब सभी राजनीतिक दल अपनी मजबूती में लगे हैं, वहीं राजद में अंतर्कलह को सही नहीं ठहराया जा सकता है।

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