Fri. Nov 8th, 2024

    बिहार में मंगलवार के दिन नीतीश के कैबिनेट का विस्तार हुआ है। नीतीश के कैबिनेट विस्तार से बहुत से बीजेपी के नेता नाराज दिख रहे हैं। पिछले काफी दिनों से कयास लगाए जा रहे थे कि नीतीश के मंत्रीमंडल में बड़े परिवर्तन हो सकते हैं और हाल ही में नीतीश कैबिनेट का विस्तार भी हुआ। इस पर बीजेपी के एमएलए ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू नाराज दिखे। उन्होंने कहा कैबिनेट विस्तार में जातीय संतुलन का ध्यान नहीं रखा गया। साथ ही जिनको पद दिए गए हैं वे सभी दागी छवि वाले लोग हैं।

    उन्होंने कैबिनेट विस्तार में नजरअंदाज किए गए जातीय संतुलन, क्षेत्रीय समीकरण और अनुभव को ध्यान में न रखने की बात पर नाराजगी जताई है और कहा है की पार्टी हाईकमान ने साफ छवि वाले लोगों को मौका नहीं दिया और इसका परिणाम पार्टी को अपनी खराब छवि के रूप में भुगतना पड़ सकता है। ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू के अनुसार यह आवंटन जल्दबाजी में लिया गया फैसला है, जिसमें किसी क्षेत्र में जरूरत से ज्यादा पद आवंटित किए गए और कहीं पर जितनी जरूरत थी, उतने भी पद नहीं दिए गए। ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने आरोप लगाया कि पार्टी में कुछ जातिवादी लोग घुस गए हैं जिनको जो की पार्टी कमजोर करना चाहते हैं।

    पार्टी ने किसी अपर कास्ट के व्यक्ति को मंत्री नहीं बनाया जबकि बिहार कैबिनेट में 50% तक उच्च जाति के नेता हैं जो बीजेपी से जीत कर आए हैं। नीतीश कुमार की कैबिनेट विस्तार में जदयू को आठ और बीजेपी को नौ सीटें मिली है वहीं बीजेपी के सबसे कद्दावर नेता शाहनवाज हुसैन बिहार में उद्योग मंत्री बने हैं। शाहनवाज हुसैन ने ट्वीट कर इस बारे में खुशी जाहिर की है।

    उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि वे पूरी निष्ठा के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वाह करेंगे। साथ ही विश्वास दिलाया है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में वे बिहार को नई ऊंचाईयों तक लेकर जाएंगे। आज की कैबिनेट विस्तार में कुल 17 मंत्रियों ने शपथ ली। साथ ही मंत्रियों को उनके विभाग भी आवंटित कर दिये गए।

    बिहार की राजनीति में पहली बार मुस्लिम मंत्री की एंट्री हुई है। शाहनवाज हुसैन पार्टी के बड़े प्रवक्ता रह चुके हैं और उनको अचानक से बिहार के उद्योग मंत्री का पद सौंप दिया जाना बिहार में बीजेपी का मुस्लिम कार्ड खेलने खेलने की तरफ इशारा कर रहा है। बिहार की कुल आबादी का 14% मुस्लिम वोट बैंक है जो कि यादव समाज को जाता है, लेकिन शाहनवाज हुसैन की बीजेपी में एंट्री से यह समीकरण बिगड़ सकता है।

    उम्मीद की जा रही थी कि बिहार सरकार पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे को कोई ना कोई पद आवंटित कर सकती है। लेकिन ऐसा संभव नहीं हुआ। गुप्तेश्वर पांडे सुशांत सिंह राजपूत के केस में प्रमुख रूप से उभर कर सामने आए थे। और उन्होंने कुछ समय बाद अपना पद भी त्याग दिया था। उन्हें बिहार कैबिनेट में कोई जगह नहीं मिली है, वहीं उन्हीं के बैच के पूर्व डीजी सुनील कुमार को मंत्री पद मिल चुका है। सीएम नीतीश ने सभी मंत्रियों को बधाई दी और कहा कि सभी मंत्री अपने कर्तव्य का पालन पूरी निष्ठा के साथ करेंगे।

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