बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को पूर्णिया में राज्य के पहले अनाज आधारित इथेनॉल प्लांट का अनावरण किया। इस मौके पर पूर्णिया सांसद संतोष कुशवाहा, राज्य के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन, उपभोक्ता संरक्षण मंत्री लेसी सिंह, पूर्णिया के जिला मजिस्ट्रेट राहुल कुमार व अन्य उपस्थित थे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे किसानों, विशेष रूप से पूर्णिया और कोसी क्षेत्र के मक्का और धान उत्पादकों को लाभ होगा। इथेनॉल के उत्पादन से डीजल और पेट्रोल की कीमतों को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि लगभग 20 प्रतिशत इथेनॉल को ईंधन में मिलाया जा सकता है जिस से भारत में ईंधन की कीमतों में कमी आएगी।
माननीय मुख्यमंत्री @NitishKumar के कर-कमलों द्वारा पूर्णिया में देश का पहला ग्रीनफील्ड ग्रेन बेस्ड इथेनॉल उत्पादन इकाई का हुआ शुभारंभ।
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पूर्णिया शहर से करीब 12 किलोमीटर दूर गणेशपुर परोरा में स्थित जीरो वेस्ट डिस्चार्ज का उपयोग कर नवीनतम तकनीक से स्थापित एथनॉल प्लांट को 15 एकड़ में बनाया गया है। यह देश का पहला अनाज आधारित इथेनॉल प्लांट है।
यह क्षेत्र मक्का की खेती के लिए एक केंद्र के रूप में उभरा है। ईस्टर्न इंडिया बायोफ्यूल्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा ₹105 करोड़ की लागत से इथेनॉल प्लांट स्थापित किया गया है।
उद्योग मंत्री हुसैन ने कहा, इथेनॉल के उपोत्पाद का इस्तेमाल जानवरों के चारे के रूप में किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘इथेनॉल का निर्माण खराब हो चुके मक्का और टूटे चावल से भी किया जा सकता है और इसलिए ऐसे मक्का और टूटे चावल को बेचने में कठिनाइयों का सामना करने वाले किसानों को फायदा होगा।’
इस मौके पर खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्रीमती @LeshiSingh जी, पूर्णियां के मा. सांसद श्री संतोष कुशवाहा जी व जिले में NDA के सभी जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
ईस्टर्न इंडिया बायोफ्यूल्स लि. के इस इथेनॉल प्लांट में मक्का/चावल से 65000 लीटर एथेनॉल का उत्पादन प्रतिदिन होगा। (2) pic.twitter.com/2WqI6DOkPZ
— Syed Shahnawaz Hussain (@ShahnawazBJP) April 30, 2022
पूर्णिया, कटिहार, अररिया और किशनगंज, सीमांचल क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। बिहार में उत्पादित कुल मक्का का 80% हिस्सा है और अप्रैल से अगस्त तक 30-35 लाख मीट्रिक टन (MT) का उत्पादन करता है।
बिहार 2021 की पहली छमाही में इथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति लेकर आया। बिहार में 17 इथेनॉल उत्पादन प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं जिनसे गन्ना, शीरा, मक्का और टूटे चावल का उपयोग करके हर साल 35 करोड़ लीटर ईंधन का उत्पादन करने की संभावना है।
निर्मित एथेनॉल की आपूर्ति तेल विपणन कंपनियों को पेट्रोल और डीजल में मिलाने के लिए की जाएगी।
पूर्णिया के अलावा मुजफ्फरपुर, भोजपुर, नालंदा, बक्सर, मधुबनी, बेगूसराय, गोपालगंज, पूर्वी चंपारण, भागलपुर में एथनॉल प्लांट लगाया जा रहा है।