बिहार की राजनीति में कुछ अजीबोगरीब चल रहा है। और बड़ी बात ये कि मीडिया को इसकी ज्यादा भनक भी नहीं लग रही है। दरअसल मामला यह है कि बिहार कांग्रेस में आंतरिक कलह चल रही है और यह कलह भी ऐसी, जिसकी खबर पूरी तरह से मीडिया में सामने नहीं आ पा रही है। कांग्रेस नेता भरत सिंह का दावा है कि उनकी पार्टी के 11 लोग जल्द ही एनडीए में शामिल होने का प्रयास कर सकते हैं।
यह बात अलग है कि कांग्रेस के बड़े नेताओं ने इस बयान से असहमति जताई है लेकिन नेता भरत सिंह का कहना है कि हालिया चुनाव में जो कांग्रेस के 19 विधायक जीते हैं, उनमें से 11 प्रदेश से बाहर के हैं। उन्होंने पैसे के बल पर टिकट लिया और चुनाव लड़ा है। बिहार कांग्रेस को डर है कि कहीं बीजेपी उनके विधायकों पर नजर न रख रही हो।
बिहार कांग्रेस में फूट पड़नी लगभग तय देखी जा रही है। लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस खबर से पूरी तरह अनभिज्ञता जताई है। उन्होंने कहा है कि उन्हें इस बारे में कोई खास जानकारी नहीं है। वहीं बिहार बीजेपी का कहना है कि जो लोग राष्ट्रवाद और नरेंद्र मोदी पर विश्वास रखते हैं उनका पार्टी में तहे दिल से स्वागत है। इसे एक तरह से कांग्रेस के आंतरिक कलह से जोड़कर देखा जा रहा है और अनुमान लगाया जा रहा है कि बीजेपी कांग्रेस के विधायकों को अपने खेमे में ला सकती है।
बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस के भीतरी कलह को अपनी राजनीति चमकाने के लिए प्रयोग किया है। बीजेपी का कहना है कि जब पार्टी के भीतर से ही ऐसी खबरें आ रही हैं, तो उसे यह पता चलता है कि कांग्रेस के अंदर विधायकों में कितना असंतोष है। हालांकि असल परिस्थिति क्या है इसके बारे में कोई ठोस निष्कर्ष देना अभी जल्दबाजी होगी।