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    बिहार एनडीए में मचा घमासान अब समाप्त हो गया है। सूत्रों की माने तो भाजपा ने लोक जनशक्ति पार्टी को मना लिया और अब बस सीट बंटवारे की औपचारिक घोषणा होनी रह गई है।

    रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान के विरोध के स्वरों के बीच अमित शाह ने राम विलास पासवान और चिराग पासवान से मुलाक़ात की थी, उसके बाद बिहार में एनडीए के तीसरे पार्टनर जेडीयू को दिल्ली बुलाया गया था ताकि सीट बंटवारे पर चर्चा हो सके।

    रामविलास पासवान ने शुक्रवार को अरुण जेटली से भी मुलाक़ात की और दोनों के बीच सीट बंटवारे पर चर्चा हुई। हालाँकि अभी सीट बंटवारे की औपचारिक घोषणा नहीं हुई है लेकिन करीबी सूत्रों की माने तो लोजपा को 5+1+1 के फ़ॉर्मूले के तहत सीट ऑफर की गई है जिसपर वो राजी है। इस फ़ॉर्मूले के हिसाब से लोजपा को 2019 लोकसभा चुनाव के लिए 5 सीट बिहार में और एक सीट उत्तर प्रदेश में दिया जाएगा। इसके अलावा रामविलास पासवान को असम से राज्यसभा में भेजा जाएगा।

    बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से भाजपा और जेडीयू पहले ही बराबर बराबर सीटों पर लड़ने का समझौता कर चुकी है। इस हिसाब से पहले भाजपा और जेडीयू 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ने वाले थे। बाकी बची 6 सीटों में से 4 सीटें लोजपा को और 2 सीटें रालोसपा को दिया जाना था लेकिन रालोसपा विरोध करते हुए एनडीए से अलग हो गई।

    इसी बीच भाजपा तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव हार गई तो लोजपा ने भी दवाब बनाना शुरू दिया। अब नए फोर्मुले के तहत जेडीयू 18, भाजपा 17 और लोजपा 5 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। एनडीए के दलों की आज ही साझा प्रेस कांफ्रेंस में सीट बंटवारे की घोषणा होनी थी लेकिन लोजपा नेताओं के मुंबई में होने की वजह से अब रविवार को अमित शाह के आवास पर बैठक होगी और वहीँ साझे प्रेस कांफ्रेंस में सीटों की घोषणा कर एकजुटता प्रदर्शित की जायेगी।

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

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