पटना, 2 जुलाई (आईएएनएस)| बिहार विधान परिषद में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक्यूट इन्सेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से बच्चों की मौत को दुखद बताते हुए मंगलवार को कहा कि प्रभावित क्षेत्रों का आर्थिक और सामाजिक सर्वेक्षण कराया जाएगा। उन्होंने सरकार की ओर से जवाब देते हुए कहा कि सरकार की ओर से कोई कोताही नहीं हुई है।
एईएस से हुई बच्चों की मौत पर विपक्षी सदस्यों के सदन में ध्यानाकर्षण सूचना पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के बाद मुख्यमंत्री ने सरकार की ओर से जवाब देते हुए कहा, “सोशियो-इकॉनॉमिक सर्वे कराया जा रहा है, जिसे सार्वजनिक किया जाएगा। इससे गरीबों को पक्का मकान देने तथा सरकारी योजनाओं का लाभ देने में मदद मिलेगी। ज्यादातर गरीब परिवार के बच्चों की मौतें हुई हैं।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी आधार पर बीमारी को काबू करने के लिए कार्ययोजना तैयार की जाएगी। मुख्यमंत्री ने बच्चों की मौत के मामले को गंभीर बताते हुए कहा कि “इस बीमारी से 2014 से बच्चे मर रहे हैं। बीमारी के सही कारणों का अब तक पता नहीं चल पाया है, सिर्फ एक आधार पर इलाज किया जा रहा है।”
उन्होंने कहा कि इस मामले में विशेषज्ञों की अलग-अलग राय है। उन्होंने इस बीमारी को लेकर जागरूकता अभियान चलाए जाने पर जोर देते हुए कहा कि लोगों के जागरूक होने से इस बीमारी पर कुछ अंकुश लगाया जा सकता है।
इससे पहले विधान परिषद की कार्यवाही प्रारंभ होने के पूर्व सदन के बाहर विपक्षी सदस्यों ने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के इस्तीफे की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने मुजफ्फरपुर में बच्चों की मौत पर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इस मामले को लेकर सरकार लीपापोती कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को गलती माननी चाहिए।