उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में एक तेंदुए ने 65 वर्षीय एक मजदूर को अपना शिकार बना लिया। यह हाल के हफ्तों में हुई इस तरह की यह पांचवीं घटना है। यह हादसा नंगला माहेश्वरी गांव में गुरुवार की दोपहर को हुआ।
मजदूर की मौत के कुछ घंटे बाद तेंदुए ने उसी स्थान पर एक और किसान पर हमला किया।
खबरों के मुताबिक, तेंदुए ने शफीक अहमद पर तब हमला बोला, जब वह पास में स्थित एक नलकूप पर काम कर रहा था।
उसकी चीख-पुकार सुनकर आसपास के खेतों में काम करने वाले सभी उसकी मदद के लिए दौड़ पड़े, लेकिन तब तक तेंदुआ अपने शिकार को खींचकर गóो के एक खेत में ले जा चुका था और वहां उसने उसे मार डाला।
किसानों ने शोर मचाकर तेंदुए को वहां से हटाने की बहुत कोशिश की, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
इस हादसे के घंटों बाद, रतनपुर गांव में गुड्डू नामक एक किसान अपने खेत में हमले का शिकार हुआ, लेकिन उसे लोगों ने बचा लिया।
गांववासियों का आरोप है कि वन अधिकारियों ने किसान को तेंदुए से बचाने के लिए कुछ नहीं किया।
भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के जिलाध्यक्ष दिगंबर सिंह ने कहा, “गóो के खेत अब तेंदुए का घर बन गया है। किसानों को अपनी जान हथेली में लेकर खेतों पर काम करना पड़ता है। हमने वन अधिकारियों से इलाके में तेंदुए की संख्या को नियंत्रित करने की मांग लगातार की है, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ है।”
घटनास्थल पर पहुंचे उप्र प्रभागीय वनाधिकारी इम्तियाज सिद्दीकी और रेंजर शरद गुप्ता को क्रोधित किसानों ने बंधक बना लिया है। उनकी मांग है कि आदमखोर तेंदुए को पकड़ा जाए।
वन्यजीव विशेषज्ञों का मानना है कि एक ही तेंदुआ लोगों को बार-बार अपना शिकार बना रहा है।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, प्रभागीय वनाधिकारी द्वारा भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक द्वारा एक तेंदुए को आदमखोर घोषित किया गया है। ऐसा बताया जा रहा है तेंदुआ लगातार अपनी जगह बदलता रहता है।
नवादा गांव में 27 नवंबर को एक तेंदुए ने एक महिला को अपना शिकार बनाया था। 17 दिसंबर को एक पांच साल का लड़का मारा गया और 19 दिसंबर को आलम सराय गांव में तेंदुए ने एक 23 वर्षीय युवक को अपना शिकार बनाया। 26 दिसंबर को असगरपुर गांव में तेंदुए के हमले से एक 16 वर्षीय किशोर मारा गया।