6 नवंबर, सोमवार सुबह प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु में अपने दौरे के दौरान चेन्नई में एक प्रेस सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि “बरसात से प्रभावित तमिलनाडु को केंद्र हरसंभव सहायता देगा” और साथ ही उन्होंने भारत में मीडिया की महत्वपूर्णता, कार्य और उनकी वर्तमान समय की दशा और दिशा दोनों पर मीडिया कर्मियों से बात की।
दरअसल, आज सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु का अपना दौरा करते हुए चेन्नई में बारिश के कारण बिगड़े हालातों का जायज़ा लेते हुए एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया कर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि अंग्रेज़ी सरकार स्थानीय भाषा में प्रेस से डरते थे। उन्होंने आगे कहा कि संपादकीय जिम्मेदारियों का समझदारी के साथ निर्वहन होना चाहिए, क्यूंकि मीडिया को समाज को का प्रतिबिंब कहा जाता है और प्रतिबिंब का कार्य होता कि वह समाज को यथार्त दिखाए, और जब समाज का आधार ही सत्य पर टिका हुआ है तो क्या प्रत्येक क्षण सत्य बोलने का क्षण नहीं आप स्वयं ही विचार कीजिये।
अपने सम्बोधन को जारी रखते हुए उन्होंने कहा कि मीडिया के शब्द संदेह के दायरे से परे होने चाहिए, और यह आवयशक भी है क्यूंकि मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा गया है, और जिस स्तंभ का आधार ही संदेह से आरम्भ हो वह किस प्रकार जन को अपने कार्यों से आश्वस्त कर सकता है। उन्होंने आगे कहाँ कि टेक्नोलॉजी ने मीडिया को पूर्ण रूप से बदल दिया हैं, जिससे लोगों का नजरिया भी बदल गया है, लोग मिलने वाले समाचार कि अलग अलग माध्यम से पुष्टि करते हैं, अब समय आगया है कि मीडियो को अपने ऊपर जन का विश्वास बनाए रखने के लिए अतिरिक्त प्रयास आरम्भ करना चाहिए।
अंत में मोदी जी महात्मा गाँधी जी का उदाहरण देते हुए कहा कि “गांधी जी ने कहा कि था प्रेस की आजादी का दुरुपयोग अपराध के समान है. खबरों के अलावा समाचार पत्र हमारी सोच को बदलते हैं”।