भाजपा के सांसद बाबुल सुप्रियों का कहना हैं कि मून मून सेन के साथ उनकी दोस्ती लंबे समय से चली आ रही हैं, लेकिन वह निराश हैं कि उनके तृणमूल कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी व्यक्तिगत हमलों का सहारा ले रही हैं और अपनी मृत मां को वोट के लिए आंमत्रित कर रहे हैं।
दोनों इस लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में 29 अप्रैल को होने वाले चुनाव मेंं सीधी टक्कर दे रहे हैं।
सुप्रियों ने कहा, शुरू में मैंने सोचा था कि वह विदेशी शिक्षित और सुचित्रा सेन की बेटी हैं, तो वह व्यक्तिगत हमलों से दूर होंगी। पिछले 10 दिनों में उसने जो भी कहा हैं,मुझे पता था कि टीएमसी नेताओं के साथ वक्त बिताने के बाद ऐसा होगा.. लेकिन मैंने उनसे इतनी जल्दी यह सब करने की उम्मीद नही की थी।
उन्होंने कहा कि वह शायद ही पिछली कई रातों में सो सके होंगे क्योंकि कुछ समस्या थी जिनसे उनको निपटना था- चाहे वह मजदूरों को पिटने की हो या पुलिस द्वारा छापेमारी की हो।
उन्होंने कहा, कि मैं गटर की राजनीति में नही उलझना चाहता। यह पूरा बातचीत डराने के लिए हैं और मैं इसका हिस्सा नही बनने जा रहा।
सुप्रीयों ने 2014 में टीएमसी के डोला सेन को हराकर इस सीट को जीता था, जबकि बांकुरा में मून मून सेन नौ बार के सांसद बासुदेव आचार्या को हराकर विजेता बनी थी।
सेन इस बार बांकुरा से आसनसोल चली गई लेकिन सुप्रीयों ने अपने प्रतिद्वंद्वी की संभावनाओं को खारिज कर दिया।
सुप्रीया का तर्क हैं, ” कि वह कार्यकर्ताओं से मुझे बिहार पुलिस का खबरी और नौकर कह रही हैं। वह अपनी मृत मां को वोट के लिए आंमत्रित कर रही हैं.. यह बहुत ही बुरा हैं। लोग सुचित्रा सेन की आत्मा की शांति के लिए वोट क्यों करेंगे? सुचित्रा सेन कब बनी टीएमसी की।
मून मून सेन ने अमृतनाग इलाके में चुनाव प्रचार के दौरान तुफान खड़ा कर दिया था जब उन्होंने बंगाल में बिहारी पुलिस का मुखबिर बताया था।
आसनसोल के कोलियरी बेल्ट में काफी संख्या में गैर-बंगाली, विशेष रूप से बिहारी आबादी हैं।
वह अपने अभियान के भाषणों में अक्सर अपनी मां के नाम का इस्तेमाल करती रही हैं। उन्होंने कहा ” मैं सुचित्रा सेन की बेटी हूं। जब मैं आसनसोल आती हूं, तब मैं अपनी मां को अपने आस पास महसूस करती हूं।
अपनी बैठकों के लिए देर होने पर सुप्रीयों अपने घर से बाहर निकलते हैं, यहां तक कि दर्जनों लोग उनकी प्रतिक्षा कर रहे थे- वह लोग जिनकों चिकित्सा सहायता की आवश्यकता होती हैं, उनके पार्टी के कार्यकर्ता जिनको जिन्हें उनके हस्ताक्षर की आवश्यकता होती हैं और यहां तक कि एक सेल्फी के लिए इंतजार करने वाली युवा लड़कियां भी थी।
आसनसोल शहर से यात्रा करते समय, सुप्रीया लोगों की तरफ हाथ हिलाते हैं और एक पेट्रोल पंप पर परिचारकों के साथ बात करने के लिए रुक जाते हैं, और उनको यह सुनिश्चित करते हैं कि केंद्रीय बल सभी बूथों पर मौजूद हैं इसलिए उनको आकर अपने मताधिकार का प्रयोग करना चाहिए।
सेन पर वापिस आकर सुप्रीयों याद करते हैं कि कैसे 1992 में, वह एचएमवी की एल्बम में का एक हिस्सा थे। जहां उन्होंने तापस पाल और मून मून सेन के लिए गाया था।
मेरे ख्याल से इसका शीर्षक अंताक्षरी था और आश्चर्यजनक रूप से तापस पाल और मून मून सेन ने इसमें अभिनय किया था।
उन्होंने कहा, लेकिन अब मैं निश्चित रूप से उनसे बात नही करूंगा अगर मैं सार्वजनिक कार्यक्रम या प्रचार में देख भी लेता हूं तो। मैं बिल्कुल निराश हूं और कई मायनों में प्रभावित भी हूं जिस तरह से उन्होंने अपने आप को ढोया।
सुप्रीयों से पूछने पर क्या राजनीति ने उन्हें पूरी तरह से बदल दिया हैं, उन्होंने कहा, “मैं हमेशा दोस्ताना रहा। मैं हमेशा इसी तरह का जीवन जीता था। मुझे लगता था कि मैं क्रोध प्रबंधन और धैर्य के मामले में एक बेहतर व्यक्ति बन गया हूं। राजनीति ने मुझे बेहतर बनाया हैं।”
उन्होंने कहा, ” मैंने हमेशा पूरे दिल से गाया ” कुछ तो लोग कहेंगे…. लेकिन अब, जब मैं यह गाता हूं, तो लोग कहते हैं इसमें अधिक प्रभाव हैं।