दो साध्वियों से बलात्कार के मामले में दोषी बाबा गुरमीत सिंह को पंचकूला की सीबीआई अदालत ने 20 साल की सजा सुनाई है। जिसमे बलात्कार के दो मामलो में 10-10 साल की सजा सुनाई है। साथ ही बाबा गुरमीत राम रहीम सिंह पर 15-15 लाख का जुर्माना भी लगाया है, जो पीड़ितों को दिया जायेगा।
सामान्यतः उम्रकैद की सजा पाने वाले को 14 साल की जेल होती है, सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने दो मामलो में 10-10 साल की सजा सुनाकर उम्रकैद की सजा से भी बड़ी सजा सुनाई है।
रोहतक जेल में बनाये कोर्ट में जब जज जगदीप सिंह ने दोनों पक्षों को बहस के लिए 10-10 मिनट का समय दिया था, जिसमे पीड़ित पक्ष ने उम्रकैद की मांग की थी। गुरमीत सिंह के वकील ने उनके सामाजिक कार्यो का हवाला देते हुए सजा में नरमी की मांग की थी। जज ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अपना फैसला दिया, जिसमे गुरमीत सिंह को 20 साल की सजा सुनाई।
साल 2002 में सामने आये इस मामले में गुरमीत सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 376, 511 और 506 के तहत मुकदमा चला था।
25 अगस्त को आये सीबीआई की अदालत के फैसले में गुरमीत सिंह को दोषी ठहराया गया था। पंचकूला में बाबा के समर्थको के द्वारा की गयी हिंसा को देखते हुए सजा का फैसला रोहतक जेल में ही दिया गया था।
पंचकूला में शाम 7 बजे से प्रातः 7 बजे तक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कर्फ्यू लगाया गया था। गुरमीत सिंह को सजा मिलने के बाद हुई हिंसा में करीब 30 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसके कारण प्रशाशन सचेत है। सजा मिलने के बाद शान्ति व्यवस्था बनाये रखने के लिए सेना ने फ्लैग मार्च किया था।